News of Madhya Pradesh India
Hindi news portal of Bhopal. read regular fresh news of Bhopal, Indore, Gwalior, Jabalpur. whole state reporting with MP News Portal
16 May 2018
स्वच्छ भारत सर्वे में इंदौर फिर से देश का सबसे स्वच्छ शहर
इंदौर: शहर ने फिर स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान 2018 में पहला स्थान हासिल किया. भोपाल को दूसरा स्थान और चंडीगढ़ को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ. स्वच्छता सर्वेक्षण की 4203 शहरों की सूची में इन तीनों शहरों को सबसे स्वच्छ पाया गया है. केंद्रीय शहरी विकास राज्यमंत्री हरदीप पुरी ने बुधवार को दिल्ली में स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले प्रमुख शहरों की सूची जारी की. बीते साल कराए गए सर्वेक्षण में भी इंदौर और भोपाल ने बाजी मारी थी.
सर्वे में राष्ट्रीय स्तर के कुल 23 और जोनल स्तर के 20 अवार्ड घोषित किये गये. 10 लाख से अधिक आबादी वाले उप्र का गाजियाबाद सबसे तेजी से स्वच्छ होने वाले शहरों में पहला स्थान प्राप्त किया है. पिछली बार गाजियाबाद का 359वा स्थान था, जो अब चार हजार से अधिक शहरों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए 36वें स्थान पर पहुँच गया है. अलीगढ़ ने साफ सफाई करने के बिल्कुल नये तौर तरीके अपनाने वाली श्रेणी में पहला स्थान पाया है.
उप्र के एक लाख की आबादी वाले शहरों में समथर शहर को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का पहला अवार्ड दिया गया है. झारखंड के गिरिडीह और अंबिकापुर को 1-3 लाख की आबादी वाले शहरों के वर्ग में सिटिजन फीडबैक और इनोवेशन व बेस्ट प्रैक्टिसेस का अवार्ड दिया गया है. झारखंड की राजधानी रांची को बेस्ट स्टेट कैपिटल वर्ग में सिटीजन फीडबैक के लिए अवार्ड दिया गया है. एक लाख आबादी में पंजाब के भाडसोन को सबसे स्वच्छ शहर पाया गया. जबकि पंजाब के ही मूनक को बेस्ट सिटीजन फीडबैक का पुरस्कार मिला है. हरियाणा के घरौंडा को इनोवेशन एंड बेस्ट प्रैक्टिसेस के लिए चुना गया है.
राज्यों में सबसे अधिक स्वच्छ रहने वालों में पहला स्थान झारखंड, दूसरा स्थान महाराष्ट्र और तीसरा स्थान छत्तीसगढ़ को मिला है.
सबसे स्वच्छ बड़ा शहर (1 मिलियन आबादी) आँध्रप्रदेश का विजयवाड़ा रहा. सबसे स्वच्छ मध्यम शहर(3-10 लाख आबादी) मैसूर रहा. कैंटोनमेंट बोर्ड वर्ग में सबसे स्वच्छ दिल्ली कैंटोनमेंट रहा. दूसरा स्थान उत्तराखंड के अल्मोड़ा कैंट को मिला. वही तीसरा रानीखेत कैंट को मिला है. सबसे स्वच्छ राजधानी का अवार्ड ग्रेटर मुंबई को मिला. सबसे स्वच्छ छोटा शहर(1-3 लाख आबादी) एनडीएमसी रहा.
यह सर्वेक्षण क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा किया जाता है. इसका मकसद देश भर के शहरों में स्चच्छता स्तर का आकलन करना है. केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के लिए वित्तीय वर्ष 2014-15 से लेकर अब तक बजट में 33,875 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. पिछले वर्ष इसमें केवल 434 शहरों को शामिल किया गया था. इससे पहले साल 2016 में सिर्फ 73 शहर शामिल थे. साल 2014 से स्वच्छ भारत अभियान के तहत शुरू किया गया यह तीसरा सर्वेक्षण है. जिसमें 4 जनवरी से 10 मार्च 2018 तक 4,203 शहरों का सर्वेक्षण किया गया.
इंदौर को स्वच्छ बनाने के लिए लोगों के माइंड सेट को बदलने के लिए कैंपेन चलाया गया. पोस्टर्स, होर्डिंग लगाकर जागरूक किया. सिंगरो से प्रोमो सांग्स बनवाए गए.
स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर और भोपाल की उपलब्धि पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी खुशी जाहिर की. इंदौर की महापौर मालिनी गौड़ ने लगातार दूसरे साल सर्वेक्षण में नंबर एक आने के लिए इंदौर की जनता की जमकर तारीफ की.