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09 November 2018
भारतीय सेना की शक्ति में इजाफ़ा, बेड़े में नई तोपे शामिल
मुंबई: भारतीय सेना की शक्ति में और इजाफ़ा हुआ. महाराष्ट्र के दवलाली में शुक्रवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में सेना को एम-777 होवित्जर तोप और के-9 वज्र तोप सौंपी गईं. सेना की एम-777 होवित्जर तोप 50 किमी तक मार कर सकती है. एम-777 होवित्जर तोप रासायनिक हमले को भांपने में सक्षम है. भारतीय निजी क्षेत्र द्वारा निर्मित है के-9 वज्र तोप. यह ऐसी पहली तोप है जिसे भारतीय निजी क्षेत्र ने बनाया है. करीब 3 दशक पहले भारतीय सेना को बोफोर्स जैसी तोप मिली थी. जिसने सेना की ताकत बढ़ाई थी, हालांकि बोफोर्स का नाम हमेशा ही राजनीति की गलियों में घूमता रहा है.
नासिक के देवलाली तोपखाना केंद्र कार्यक्रम में रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख विपिन रावत भी मौजूद रहे. होवित्जर तोप की मारक क्षमता 40-50 किलोमीटर है. इसी तरह के-9 28 से 38 किलोमीटर तक की रेंज में सटीक निशाना साध सकती है. पाकिस्तान और चीन की सीमा पर मिल रही चुनौतियों के मद्देनजर इस तोप की जरूरत काफी समय पहले से महसूस की जा रही थी.
थल सेना 145 एम 777 होवित्जर की सात रेजीमेंट बनायेंगी. सेना को के-9(कोरियन) श्रेणी की 100 तोपें सौंपी जानी है. इस महीने 10 तोपें सौंपी जाएंगी. शुरुआती 10 तोपें भारत में ही असेंबल की गई हैं. अगली 40 तोपें नवंबर 2019 में और बाकी 50 तोपें नवंबर 2020 तक सौंपी जाएंगी. यह पूरी प्रक्रिया 24 महीने में पूरी होगी. के-9 वज्र 30 सेकेंड में तीन गोले दागने में सक्षम है.
अमेरिका में बनी होवित्जर बेहद हल्की तोप है. इसे हेलीकॉप्टर या विमान के जरिए एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है. इसे अफगानिस्तान और इराक युद्ध में इस्तेमाल किया जा चुका है. अभी इसका इस्तेमाल अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में हो रहा हैं.