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31 October 2018
पटेल जयंती पर 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का हुआ अनावरण
अहमदाबाद: आज का दिन बुधवार देश के इतिहास के लिए गौरवमयी दिन रहा. देश को विश्व में एक नयी पहचान मिली. पीएम मोदी ने सरदार पटेल की प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का अनावरण किया. यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है. गुजरात में नर्मदा नदी के तट पर पीएम मोदी ने इसका अनावरण किया. अमेरिका और रूस जैसे देशों को भारत ने इस मामले में पछाड़ा. आजाद भारत के पहले गृह मंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 143वीं जयंती(31 अक्टूबर) पूरे देश में मनाई गई.
मंत्रोच्चार-पूजा के बीच सरदार पटेल की मूर्ति का अनावरण हुआ. गंगा, यमुना, नर्मदा समेत 30 छोटी-बड़ी नदियों के जल से प्रतिमा के पास स्थित शिवलिंग का अभिषेक किया गया. इस अवसर पर 30 पंडितों ने मंत्रोच्चार किया. लोकार्पण कार्यक्रम की शुरुआत सरदार पटेल की विशाल मूर्ति की डिजिटल प्रस्तुति से हुई. वायु सेना के लड़ाकू विमान फ्लाइ पास्ट किया और हवाई करतब दिखाए. जबकि सेना, नौसेना और वायुसेना के बैंड ने राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत संगीत पेश किए. इसके अलावा पंजाब, असम, मिजोरम और गुजरात के लोक कलाकारों का नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा. प्रतिमा अनावरण के साथ ही यह दर्शनीय स्थल आम लोगों के लिए खोल दिया गया.
सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा को विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा बताया जा रहा है. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का कुल वजन 1700 टन है और ऊंचाई 522 फिट यानी 182 मीटर है. इसके पैर की ऊंचाई 80 फिट, हाथ की ऊंचाई 70 फिट, कंधे की ऊंचाई 140 फिट और चेहरे की ऊंचाई 70 फिट है. मूर्ति का निर्माण लार्सन एंड टुब्रो कंपनी ने किया है. इसे 33 माह के रिकॉर्ड समय से भी कम समय में तैयार किया गया है. सरदार पटेल की इस मूर्ति को बनाने में करीब 2,989 करोड़ रुपये का खर्च आया. इसका अधिकांश काम देश में ही हुआ है. इसके कंस्ट्रक्शन को चार स्टेज में बांटकर काम किया गया, जिनमें मॉक-अप, 3डी स्कैनिंग टेक्निक के साथ ही कंप्यूटर न्यूमेरिकल कंट्रोल प्रॉडक्शन टेक्निक, स्पाइनल स्ट्रक्चर शामिल है. स्टैचू का मूल ढांचा कंक्रीट और स्टील से बनाया गया, स्टैचू के अंदर दीवारें, मचान और चार दूसरी साइट्स(वॉक-वे, टिकट काउंटर, फूड कोर्ट, चार लेन का हाइवे, एक यार्ड जहां स्टैचू से जुड़े सभी हिस्से को जोड़ा गया है.
इस मूर्ति का निर्माण पद्म भूषण एवं पद्मश्री राम वी. सुतार की देखरेख में हुआ है. सुतार अभी समुंदर में लगने वाली शिवाजी की प्रतिमा डिजाइन करने में जुटे हैं. महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि यह प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को भी पीछे छोड़ देगी और दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी.
यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर गुजरात के केवड़िया में स्थित है. इसके लिये बीजेपी ने पूरे देश में लोहा इकट्ठा करने का अभियान भी चलाया था. इस विशालकाय मूर्ति को 7 किमी दूर से देखा जा सकता है. सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा को देखने का टिकट ताजमहल से भी महंगा है.
वर्तमान में चीन स्थित स्प्रिंग टेंपल की 153 मीटर ऊंची बुद्ध प्रतिमा के नाम सबसे ऊंची मूर्ति होने का रिकॉर्ड था. पटेल की मूर्ति न्यूयॉर्क के 93 मीटर उंचे 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' से दोगुना है.
समारोह में राज्यपाल ओपी कोहली, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जडेजा, भाजपा के अध्यक्ष अमित भाई शाह और मुख्य सचिव जे एन सिंह मौजूद रहे.