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05 September 2018 Updated: Sept. 07

एके 47 तस्करी के मामले में सेना का पूर्व आर्मर गिरफ्तार

एके 47 तस्करी जबलपुर

जबलपुर: पुलिस ने जबलपुर आर्डिनेंस फैक्ट्री के पूर्व आर्मर को AK-47 राइफल तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया. इस मामले की जांच सेना, एटीएस, इंटेलीजेंस ब्यूरो और पुलिस करेगी. बिहार की मुंगेर क्राइम ब्रांच ने तस्कर इमरान से एके 47 राइफल और कुछ कल पुर्जे बरामद किए थे. इसके बाद ही इस रैकेट का ख़ुलासा हुआ था. पूछताछ में इमरान ने पुरुषोत्तम लाल के नाम का खुलासा किया था. उसके बाद पुलिस मप्र तक पहुंची. जांच टीम का दावा है कि वो जल्द ही पूरे गिरोह का पर्दाफ़ाश कर देगी. आरोपी अब तक कुल 70 AK 47 मुंगेर सप्लाई कर चुके थे.

पुलिस ने कहा कि आर्मी बेस और फैक्ट्री के अधिकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से तस्करी की जा रही थी. इसमें कुछ सामान्य लोग भी शामिल थे. आरोपी एक्स सर्विसमैन पुरुषोत्तमलाल रजक तस्करी के सिलसिले में 29 बार मुंगेर जा चुका था. पुलिस को ऑनलाइन बुकिंग के टिकिट्स भी मिले हैं. वो 2008 में जबलपुर के सुरक्षा संस्थान से रिटायर हुआ था. रिटायरमेंट के बाद वह हथियारों की तस्करी में लिप्त हो गया. रिटायरमेंट के बाद पुरुषोत्तम का आर्मी से रिटायर हुए अपने साथी आर्मरर नियाजुल हसन निवासी मुंगेर के जरिये इमरान और शमशेर सिंह से संपर्क हुआ था.

तस्करी के इस मामले में सेना के रिटायर्ड शस्त्रसाज पुरुषोत्तम रजक की गिरफ़्तारी हो चुकी है. पुरुषोत्तम के बेटे शैलेंद्र और साथी सुरेश ठाकुर को भी पकड़ा जा चुका है. एके-47 के कलपुर्जों को कार में रखकर मंडला रोड स्थित गौर पुल से नदी में फेंकने के आरोप में पुलिस ने आरोपी की पत्नी चंद्रवती रजक व उसके बेटे शैलेन्द्र को भी आरोपी बनाया है. हथियार बेचने के एवज में पुरुषोत्तम-सुरेश को लाखो रू मिलते थे. ये लोग वर्कशॉप से कंडम AK-47 के पार्टस बदलकर सप्लाई करते थे. आरोपियों के पास से AK-47 के पार्टस, राइफल सुधारने वाली मशीन, नकदी बरामद हुई हैं. ये सारे जब्त हथियार RSSD गो-डाउन से सप्लाई किए गए.

देश के इतिहास में किसी भी सुरक्षा संस्थान से इतने बड़े पैमाने पर हथियारों की तस्करी का यह बड़ा मामला है. एके-47 असेंबल करने की फैक्ट्री जबलपुर गोरखपुर स्थित पंचशील नगर स्थित आरोपी के मकान से संचालित हो रही थी.

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के जबलपुर(खमरिया) में रक्षा मंत्रालय की कई फैक्ट्रियां और गोदाम हैं. जहां सेना के लिए गोला बारूद और हथियार बनाए जाते हैं.

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