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05 April 2019
साउथ कोरिया बना 5जी डाटा सर्विस देने वाला पहला देश
नई दिल्ली: दक्षिण कोरिया सबसे पहले 5G सर्विस शुरू करने वाला दुनिया का पहला मुल्क बना. कोरिया ने 5जी तकनीकी शुरू करने में जापान और अमेरिका को पीछे छोड़ा. उन्होंने तय समय से दो दिन पहले बुधवार को ही देश भर में 5जी सेवाओं की शुरुआत कर दी. पहले 5जी सेवा शुरू करने के लिए 5 अप्रैल की तारीख रखी गई थी. 5जी पांचवीं जेनरेशन की मोबाइल सेवा है.
आम ग्राहकों को 5जी सेवा 5 अप्रैल से ही उपलब्ध होगी. शुरुआत में दक्षिण कोरिया के 6 सेलिब्रटी के फोन पर 5जी सर्विस एक्टिव की गई. दक्षिण कोरिया की टॉप 3 टेलिकॉम कंपनियों एसके, केटी और एलजी यूप्लस ने इस राष्ट्रव्यापी योजना को शुरू किया.
दक्षिण कोरिया की कंपनियों के देर रात 5जी सेवा शुरू करने के चलते अमेरिका की दूरसंचार कंपनी वेराइजन को अपनी 5जी सेवाएं जल्दी शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ा. अमेरिकी कंपनी ने भी बुधवार को शिकागो और मिनियापोलिस में 5जी सेवाओं की शुरुआत की. उसने तय तारीख से एक हफ्ते पहले सेवाएं शुरू कीं.
5जी सेवा स्मार्टफोन को फास्ट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगी. इसकी स्पीड 4जी से 20 गुना ज्यादा तेज होगी और यह ग्राहकों को एक सेकेंड से भी कम समय में पूरी मूवी डाउनलोड करने की सुविधा देगी. 2जी, 3जी और 4जी के बाद इंटरनेट की दुनिया की नई तकनीक है 5जी. 4जी नेटवर्क की अधिकतम स्पीड अब तक 45 मेगाबाइट प्रति सेकंड रिकॉर्ड की गई है. 5जी में यह स्पी़ड 1 गीगाबाइट प्रति सेकंड तक है. 5जी नेटवर्क के एक वर्ग किलोमीटर के दायरे में दस लाख मोबाइल कनेक्ट हो सकते हैं.
सैमसंग दक्षिण कोरिया की कंपनी है. सैमसंग के गैलेक्सी के एस10 5जी मॉडल पर पहली बार 5जी नेटवर्क शुरू किया गया. सैमसंग ने फरवरी में अपना पहला 5जी स्मार्टफोन पेश किया था.
भारत में अगले साल तक 5जी सेवा शुरू हो सकती है. 5जी के लिए इस साल जुलाई या अगस्त में स्पेक्ट्रम की नीलामी होने की उम्मीद है. गैलेक्सी एस 10 फोन की कीमत करीब 1,200 डॉलर यानी करीब 82,000 रुपये होगी. वहीं बाजार में 11,000 रुपये कीमत से 4जी फोन मिल रहे हैं. ऐसे में 4जी से 5जी फोन तक आने में ग्राहक समय ले सकते हैं.
5जी टेक्नोलॉजी से घर के टोस्टर से लेकर टेलीफोन, इलेक्ट्रिक कार से लेकर पावर ग्रिड तक को इससे फायदा होगा. रोबोटिक्स, ड्रोन और इंटरनेट से जुड़े सभी प्रोडक्ट के डेवलपमेंट में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है. वायरलेस इंटरनेट की रफ्तार 20 गुना तक बढ़ जाएगी.