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24 August 2019 Updated: Aug 25
बीजेपी नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली पंचतत्व में विलीन
नई दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली पंचतत्व में विलीन हुए. आज निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. जेटली को बेटे रोहन ने मुखाग्नि दी. राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार. बीमारी के चलते शनिवार को उनका निधन हो गया था. 66 वर्षीय जेटली का पिछले कई दिनों से उपचार चल रहा था एम्स में ली थी अंतिम साँस. जेटली का सॉफ्ट टिश्यू कैंसर का इलाज चल रहा था, इसके लिए वे जनवरी में न्यूयॉर्क भी गए थे. रविवार सुबह जेटली की पार्थिव देह पार्टी कार्यालय में रखी गई.
जेटली के निधन से बीजेपी में शोक की लहर है. पार्टी ने एक साल में सुषमा स्वराज(6 अगस्त), पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, मदन लाल खुराना, अनंत कुमार, भोपाल में बाबूलाल गौर जैसे दिग्गज नेताओ को खो दिया है.
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने जेटली को श्रद्धांजली दी. पत्नी संगीता जेटली को शोक संदेश भेजकर दुख जताया. कहा कि देश ने ऐसा नेता खो दिया है जिन्होंने हमेशा समाज की बेहतरी के लिए काम किया.
निधन पर पीएम मोदी ने किया भावुक ट्वीट, कहा- मैंने अपना मूल्यवान दोस्त खो दिया है. गृह मंत्री अमित शाह ने भी अरुण जेटली के निधन पर शोक व्यक्त किया है.
जेटली के आवास पर गृह मंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा, रामविलास पासवान, चिराग पासवान, प्रकाश जावड़ेकर, विजेंद्र गुप्ता, शाजिया इल्मी, शाहनवाज हुसैन, मनोज तिवारी, गौतम गंभीर, अरविंद केजरीवाल, एस जयशंकर, डॉ. हर्षवर्धन समेत कई नेता श्रद्धांजलि देने पहुंचे.
भारतीय क्रिकेट टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(BCCI)के पूर्व उपाध्यक्ष अरुण जेटली(Arun Jaitley) के सम्मान में अपने बाजुओं पर काली पट्टी बांधकर मैच खेलने उतरेगी.
अरुण जेटली विख्यात वकील, शानदार वक्ता, बहुत अच्छे प्रशासक और अद्भुत सांसद थे. पिता की तरह ही वकील हैं बेटा-बेटी. अरुण जेटली का जन्म 28 दिसंबर 1952 को दिल्ली में हुआ था. उनके पिता का नाम महाराज किशन जेटली था जो एक वकील थे. जेटली ने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री ली. दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही लॉ की डिग्री ली. न्यूयॉर्क की कार्नेल यूनिवर्सिटी से लॉ में मास्टर की डिग्री ली. जेटली अटलजी की सरकार में और मोदी-I सरकार में मंत्री रहे. जेटली अमृतसर लोकसभा सीट से कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह से हार गए थे. इसके बाबजूद भी मोदी सरकार ने उन्हें वित्त मंत्री का पद दिया था.
जेटली के अथक प्रयासों से ही देश में जीएसटी लागू हुआ. रेल और आम बजट अब एक साथ पेश होने लगा. बजट पेश करने की तारीख भी बदली गई. बैंकिंग सेक्टर में सुधार हुआ. एफडीआई नियमों को उदार बनाने के पक्षधर रहे.