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03 December 2019

भोपाल गैस कांड की 35वी वर्षी पर सर्वधर्म प्रार्थना आयोजित

गैस कांड 35वी वर्षी

भोपाल: विश्व की भीषणतम औद्योगिक त्रासदियों में से एक भोपाल गैस त्रासदी की 35वी बरसी पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. राज्यपाल लालजी टंडन ने गैस पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी. सर्वधर्म सभा में सभी धर्मों के आचार्य पहुंचे पीड़ितो की शांति के लिए प्रार्थना की. सेंट्रल लाइब्रेरी में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक नोट लिखकर पीड़ितों को याद किया. सीएम ने पर्यावरण प्रदूषण के प्रति हमेशा सतर्क रहने की अपील की. राजधानी मे विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए त्रासदी में जान गंवाने वाले हजारों लोगों को श्रद्धांजलि दी गई.

भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक स्व. अब्दुल जब्बार गैस पीड़ितों, विशेषकर महिलाओं के राहत-पुनर्वास और इलाज के लिए जीवन पर्यंत संघर्ष किया. उन्हे सीएम कमलनाथ ने याद किया.

भोपाल गैस पीड़ित संघर्ष सहयोग समिति की संयोजक साधना कार्णिक ने सरकारों पर गैस पीड़ितों के प्रति नकारात्मक रुख अपनाने का आरोप लगाया. अब तक गैस पीड़ित महिलाएं सुल्तानिया अस्पताल में विशेष वार्ड का इंतजार कर रही हैं. 1987 में शिलान्यास हुआ था. वहीं कुछ संगठनों ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. उपेक्षा का आरोप लगाया. गैस पीड़ितों की तीसरी पीढ़ी अभी भी विकलांग है. गैस त्रासदी के लिए जिम्मेदार बहुराष्ट्रीय कंपनी डाव कैमिकल्स अपनी जिम्मेदारियों से बच रही है. गैस कांड की जिम्मेदार अमरीकी कंपनी यूनियन कार्बाइड का बाद में डाव कैमिकल्स ने अधिग्रहण कर लिया था.

गैस पीड़ितो को जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा और सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह ने भी श्रद्धांजलि दी. गैस राहत मंत्री आरिफ अकील ने भी मौके पर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गैस त्रासदी फैक्ट्री को ‘मेमोरियल’ बनाने का आग्रह किया. पूर्व CM शिवराज सिंह समेत कई नेताओं ने भी ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी.

मध्य प्रदेश की राजधानी में 35 साल पहले भीषण गैस त्रासदी हुई थी. 2-3 दिसंबर, 1984 की दरम्यानी रात यूनियन कार्बाइड संयंत्र के पेस्टिसाइड प्‍लांट से रिसी जहरीली गैस 'मिथाइल आइसो साइनाइड(मिक)' ने हजारों लोगों को एक ही रात में मौत की नींद सुला दिया था. 5 लाख 58 हजार 125 लोग मिथाइल आइसोसाइनेट गैस और दूसरे जहरीले रसायनों के रिसाव की चपेट में आ गए. इस हादसे में तकरीबन 25 हजार लोगों की जान गई थी. इस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड का मुख्‍य प्रबंध अधिकारी वॉरेन एंडरसन रातो रात भारत छोड़कर अपने देश अमेरिका रवाना हो गया था. इस त्रासदी के मुख्य आरोपी वॉरेन एंडरसन की मौत 29 सिंतबर 2014 को हो चुकी है.

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