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26 December 2019

दुनिया ने देखा सूर्यग्रहण, दिव्यांगो को जमीन मे गड़ाया

सूर्यग्रहण दिव्यांग जमीन गड़ाया

बेंगलुरु: दुनिया मे साल के आखिरी सूर्यग्रहण के नजारे को देखा गया. सूर्य पर लगा ग्रहण समाप्त हुआ. ग्रहण सुबह 8 बजे से लगा और दोपहर 1 बजकर 36 मिनट पर पूर्ण रूप से खत्म हुआ. सूर्य ग्रहण 5 घंटे 36 मिनट की कुल अवधि वाला था. बहुप्रतीक्षित सूर्य ग्रहण के नजारे का लुत्फ भारत समेत पूरी दुनिया ने लिया. ग्रहण के बाद धार्मिक लोगो ने पवित्र नदियो मे आस्था की डुबकी लगाई. मंदिरों मे शुद्धिकरण का काम हुआ. देश के सभी मंदिरों के पट बंद कर दिए गए वही उज्जैन महाकाल मंदिर के पट सूर्यग्रहण में भी खुले रहे.

 मोदी सूर्यग्रहण दिव्यांग जमीन गड़ाया

पीएम मोदी ने भी ग्रहण का नजारा देखा. दिल्ली में बादल छाए रहने की वजह से वे ग्रहण को स्पष्ट तौर पर नहीं देख पाए, लेकिन लाइव स्ट्रीम के जरिए उन्होंने केरल के कोझिकोड में सूर्य ग्रहण देखा. दक्षिण भारत में तमिलनाडु के तट पर ग्रहण को देखने के लिए बहुत से लोग जमा हुए. ओडिशा सरकार ने तो छुट्टी की घोषणा कर दी और सभी सरकारी दफ्तर, अदालतें, स्कूल और कॉलेज बंद रहे.

 मोदी सूर्यग्रहण दिव्यांग जमीन गड़ाया

भारत के दूर-दराज के गावों में अंधविश्वास आज भी लोगों पर हावी है, इसकी एक बानगी गुरुवार को सूर्यग्रहण के दौरान देखी गई. जब परिजनों ने अपने दिव्यांग बच्चों को गर्दन तक दफना दिया. घटना कर्नाटक के कालाबुरागी ताजसुल्तानपुर गांव की है, जहां सूर्यग्रहण के लगने पर परिजनों अपने तीन दिव्यांग बच्चों को जमीन में गर्दन तक दफनाया. बताया गया कि दो घंटे से अधिक समय तक तीनों बच्चों को गड्ढे में दबाए रखा गया. रोगो को भगाने के लिए ऐसा किया.

साल के इस आखिरी सूर्य ग्रहण को वैज्ञानिकों ने 'रिंग ऑफ फायर' का नाम दिया था. यह पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं था इसलिए चंद्रमा की छाया सूर्य का पूरा भाग नहीं ढक पाई. ग्रहण दिखने की शुरुआत मध्य एशिया से हुई और दक्षिण भारत और दक्षिण पूर्व एशिया से होते हुए उत्तरी प्रशांत में खत्म हुई.

दक्षिणी राज्यों में रिंग ऑफ फायर(आग के छल्ले) जैसी शक्ल में सूरज साफ तौर पर नजर आया. वहीं कुछ जगहों पर धुंध और बादलों की वजह से लोग सूर्य ग्रहण नहीं देख पाए.

सूर्य ग्रहण देखने के लिए दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई समेत देश के तमाम हिस्सों में खास इंतजाम किए गए हैं. कई जगहों पर सोलर फिल्टर्स और सोलर गॉगल्स भी बांटे गए हैं ताकि लोग सुरक्षित रहते हुए सूर्य ग्रहण देख सकें. वैज्ञानिकों के मुताबिक, सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ हानिकारक किरणें निकलती हैं इसलिए इसे नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए.

बता दें कि इससे पहले इस साल 6 जनवरी और 2 जुलाई को आंशिक सूर्य ग्रहण लगा था. अब अगला सूर्य ग्रहण नए साल में जून महीने में लगेगा. यह सूर्य ग्रहण भी आंशिक ग्रहण ही होगा. इसके बाद दिसंबर 2020 में पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेगा.

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