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25 February 2019
पीएम मोदी ने नेशनल वॉर मेमोरियल का किया उद्घाटन
नई दिल्ली: शहीदों के सम्मान में बने नेशनल वॉर मेमोरियल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को समर्पित किया. ये राष्ट्रीय स्मारक आज़ादी के बाद देश के लिए अपनी जान क़ुर्बान करने वाले वीर सैनिकों की याद में बनाया गया है. वॉर मेमोरियल के हर ईंट पर 1 शहीद का नाम है इसमें 25,942 शहीदों के नाम भी लिखे गए हैं. इस मेमोरियल की मांग कई दशक से हो रही थी. अब शहीदों से जुड़े कार्यक्रम अमर जवान ज्योति के बजाए नेशनल वॉर मेमोरियल में ही होंगे. पीएम मोदी ने 'राष्ट्रीय युद्ध स्मारक' की अमर जवान ज्योति जलाई. इस स्मारक को दिल्ली में इंडिया गेट के ठीक सामने बनाया गया है. पीएम मोदी का तीनों सेना प्रमुखों समेत रक्षा मंत्री ने उनका स्वागत किया.
पीएम मोदी नेशनल वॉर मेमोरियल समारोह में पूर्व सैनिकों से बोले, 'आप सभी भूतपूर्व नहीं अभूतपूर्व हैं'. क्योंकि आज लाखों सैनिकों के शौर्य और समर्पण के कारण हमारी सेना दुनिया की सबसे बड़ी सेना में से एक है. मैं पुलवामा में शहीद हुए हर बलिदानी को नमन करता हू.
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, हमनें इस दिन के लिए कई दशक का इंतजार किया है.
इस मेमोरियल में चार चक्र है, अमर चक्र, वीर चक्र, त्याग चक्र और रक्षा चक्र. इसमें थल सेना, वायुसेना और नौसेना के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई है. छह भुजाओं(हेक्सागोन) वाले आकार में बने मेमोरियल के केंद्र में 15 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ बनाया गया है. स्मारक का निचला भाग अमर जवान ज्योति जैसा है. सबसे अंदर का चक्र अमर चक्र है जिसमें 15 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ है जिसमें अमर ज्योति जलेगी. दूसरा है वीरता चक्र, जिसमें थलसेना, वायुसेना और नौसेना द्वारा लड़ी गई छह अहम लड़ाइयों को बताया गया है. 1947-48, 1961 में गोवा मुक्ति आंदोलन, 1962 में चीन युद्ध, 1965 की पाक जंग, 1971 में बांग्लादेश निर्माण, 1987 में सियाचिन, 1987-88 में श्रीलंका और 1999 में कारगिल में शहीद होने वाले सैनिकों के सम्मान में इसे बनाया गया है. तीसरा त्याग च्रक है जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी. ये नाम 1.5 मीटर की दीवार पर लिखे हैं. नेशनल वॉर मेमोरियल में दीवारों की ईंटो पर 25,942 शहीदों के नाम उकेरे गए हैं. सुरक्षा चक्र में 695 पेड़ हैं जो देश की रक्षा में तैनात जवानों को दर्शाते हैं. यहां 21 परमवीर चक्र विजेताओं की प्रतिमाएं लगाई गई हैं.
यह वॉर मेमोरियल 40 एकड़ में फैला है. नेशनल वॉर मेमोरियल के निर्माण में करीब 176 करोड़ रुपये की लागत आई है. यहां स्मारकों के साथ संग्रहालय भी बनाया गया है. दोनों के बीच एक सब-वे भी रखा है.
देश में अभी 1931 में अंग्रेजों द्वारा बनाया गया युद्ध स्मारक इंडिया गेट है. लेकिन वो प्रथम विश्वयुद्ध और अफगान लड़ाई के दौरान शहीद हुए 84,000 सैनिकों के याद में बना है. इसके बाद 1971 की लड़ाई में शहीद हुए 3843 सैनिकों की याद में अमर जवान ज्योति बनाई गई है.