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29 July 2020 Updated: Jul. 31
फ्रांस निर्मित 5 राफेल विमानों की पहली खेप पहुंची भारत
चंडीगढ़: भारत और चाइना के बीच सीमा पर चल रही तनातनी के बीच 5 फ्रांस निर्मित राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप भारत पहुंची. अंबाला एयरबेस पर लैंडिंग हुई. राफेल विमान के पहले बैच ने भारतीय वायुसीमा में प्रवेश किया तो उनकी सुरक्षा में दो SU30 MKI विमान आसमान में पहुंच गए थे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राफेल विमान की लैंडिंग का वीडियो भी शेयर किया है. राफेल विमानों के आने से भारत की ताकत में इजाफा माना जा रहा है.
फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन(Dassault Aviation) की उत्पादन इकाई से राफेल विमानों ने सोमवार को टेक ऑफ किया था. ये विमान लगभग 7,000 किलोमीटर की दूरी तय कर अंबाला पहुंचे हैं. राफेल लडाकू विमान भारतीय एयर फोर्स के 17 वें स्क्वाड्रन का हिस्सा होगा. इस स्क्वाड्रन का नाम Golden Arrows है. विमानों को फ्रांस से यूएई पहुंचने में सात घंटों का वक्त लगा. फिर यूएई के अल दफ्रा एयरबेस से उड़ान भरके भारत के अंबाला में लैंड किया. फ्रांस से राफेल विमानों को 17 गोल्डेन एरोज कमांडिंग आफीसर के पायलट लेकर आए. सभी पायलटों को फ्रांसीसी दसॉल्ट एविएशन कंपनी द्वारा प्रशिक्षित किया गया है. इन्हें अंबाला के एयरफोर्स स्टेशन पर 29 जुलाई को वायुसेना में शामिल किया जाएगा.
मौजूदा वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने फ्रांस से 36 लड़ाकू राफेल विमानों की यह डील की है. यह अब तक का सबसे बड़ा रक्षा सौदा है. पहले राफेल विमान को अक्टूबर 2019 में भारत को सौंपा गया था. फ्रांस निर्मित राफेल विमान दुनिया के 'सबसे ताकतवर' लड़ाकू विमान में से एक है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह(Rajnath Singh) ने कहा राफेल लड़ाकू विमानों का भारत में आना हमारे सैन्य इतिहास में नए युग की शुरूआत है. इन बहुआयामी विमानों से भारतीय वायुसेना की क्षमताओं में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे.
राफेल डील को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार पर निशाना साधा कहा- अब तो कीमत बता दीजिए.