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21 July 2020
राज्यपाल लालजी टंडन का निधन, 5 दिन का राजकीय शोक
भोपाल/लखनऊ: मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का मंगलवार सुबह निधन हुआ. राज्य में पांच दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया. वे काफी दिनों से अस्वस्थ थे और लखनऊ उत्तर प्रदेश में इलाज करा रहे थे. टंडन को 11 जून को लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 85 वर्षीय लालजी टंडन का अंतिम संस्कार गोमती तट गुलाला घाट पर लखनऊ में किया गया. उनके छोटे पुत्र अमित टंडन ने उन्हें मुखाग्नि दी. मध्य प्रदेश में पांच दिन राष्ट्रध्वज झुका रहेगा. उत्तर प्रदेश सरकार ने भी 3 दिन का राजकीय शोक घोषित किया है.
राज्य में सभी सरकारी कार्यालय बंद रखे गए. कैबिनेट बैठक दो मिनट का मौन रखकर स्थगित कर दी गई. कलेक्टरों को राजकीय शोक के दौरान पांच दिन तक मनोरंजन के कार्यक्रम न किए जाने के निर्देश जारी किए गए.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने टंडन को श्रद्धाजंलि देते हुए कहा- उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा. मध्य प्रदेश में राज्यपाल के रूप में उन्होंने हमेशा जनहित में मार्गदर्शन और प्रेरणा दी. उन्होंने राजभवन में न सिर्फ गोशाला का संचालन करवाया, बल्कि वे कहते थे कि मैं इस प्रयोग को सफल करके बताऊंगा. वे सर्वप्रिय थे और यही उनकी सबसे बड़ी पूंजी थी.
वे वर्ष 1978 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद पहुंचे थे. विधानसभा के लिए तीन बार चुने गए. वर्ष 2003 में उनके द्वारा एक साथ 1001 योजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास विश्व रिकार्ड के रूप में लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज किया गया. वर्ष 2009 में स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की लखनऊ सीट से चुनाव जीतकर सांसद बने और वाजपेयी की विरासत को विस्तार दिया. नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में भी रहे. उत्तर प्रदेश में पहली बार गोवध निषेध अधिनियम बना. हरिद्वार में पांच किलोमीटर लंबा घाट जनसहयोग से बनवाया. अयोध्या मामलों के प्रभारी के रूप में श्रीराम जन्मभूमि न्यास को 42 एकड़ जमीन सौंपने का काम तत्परता और संकल्प के साथ किया. लालजी टंडन की एक इच्छा अधूरी रह गई, वे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य देखना चाहते थे.
मध्य प्रदेश में राज्यपाल के रूप में 29 जुलाई 2019 को उन्होंने कार्यभार संभाला था. एक वर्ष पूर्ण होने वाला था. वे लखनऊ के निवासी थे, लखनऊ तथा उत्तर प्रदेश के विकास के लिए उन्होंने जो किया वह अविस्मरणीय है.
पीएम-राष्ट्रपति ने उनके निधन पर शोक जताया. उत्तर प्रदेश राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गहरा दु:ख व्यक्त किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दु:ख प्रकट किया.