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20 March 2020
निर्भया केस के चारो गुनहगारों को एक साथ दी गई सजा-ए-मौत
नई दिल्ली: निर्भया गैंग रेप और मर्डर केस के चारो दोषियों को शुक्रवार तड़के 5:30 पर फांसी की सजा दी गई. मेडिकल ऑफिसर ने चारों दोषियों को मृत घोषित किया. दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में पोस्टमार्टम हुआ शवों को लेने पहुंचे परिजन. दोषियों को तख्ता पर खड़ा कर एक लीवर पवन जल्लाद ने खींचा दूसरे का लीवर जेल स्टाफ ने. फांसी की सजा दी. निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले के चारों दोषियों ने फांसी दिए जाने से पहले कोई आखिरी इच्छा जाहिर नहीं की थी. सात साल के लंबे इंतज़ार के बाद पीड़िता के परिजनो को इंसाफ मिला.
निर्भया केस के 6 दोषियों में से एक राम सिंह मुख्य आरोपी बस ड्राइवर ने खुदकुशी की थी, एक नाबालिग 3 साल की सजा काटकर छूट चुका है. बाकी 4 दोषियों मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को आज फांसी दी गई. पहली बार निर्भया गैंगरेप केस में साल 2013 में मौत की सजा सुनाई गई थी. चौथा डेथ वारंट पांच मार्च को पटियाला हाउस कोर्ट ने जारी किया था. निर्भया केस मे दोषियो को सजा दिलवाने मे वकील सीमा समृद्धि कुशवाह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. सीमा मूल रूप से यूपी की रहने वाली हैं.
तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से पवन जल्लाद को चारों दोषियों को फांसी देने के लिए 60,000 रुपये का भुगतान किया गया. पवन जल्लाद को हर एक दोषी को फांसी देने के लिए 15,000 रुपये दिए गए. इन चारों को फांसी पर लटका दिए जाने के बाद पवन जल्लाद को कड़ी सुरक्षा के बीच तिहाड़ जेल से मेरठ वापस भेज दिया गया.
रविशंकर प्रसाद ने कहा काश, पहले सजा मिल जाती. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले पर ट्वीट कर कहा कि न्याय की जीत हुई.
निर्भया की मां आशा देवी ने कहा- लंबे इंतजार के बाद आखिरकर उन्हें लटकाया गया. निर्भया के पिता ने कहा- इस घड़ी का साल-साल से इंतजार था.
गौरतलब है कि साल 2012 में दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में चलती बस में 23 वर्षीय पैरा-मेडिकल छात्रा के साथ 6 दरिदों ने गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था. निर्भया को इलाज के लिए देश से बाहर भी ले जाया गया, लेकिन वह नहीं बच पाई. इस झकझोर देने वाली घटना के बाद पूरा देश सड़कों पर उतर आया था.