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06 March 2020
यस बैंक संकट पूर्व सीईओ राणा कपूर के निवास पर छापा
मुंबई: यस बैंक संकट से बैंक ग्राहको मे दहशत का माहौल. यस बैंक द्वारा नियमों का पालन नहीं किया गया. बैंक ने अनिल अंबानी, एसेल ग्रुप, डीएचएफएल, वोडाफोन जैसी कंपनियों को लोन दिया जो डिफॉल्ट हुए हैं. 2019 में यस बैंक पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. यस बैंक के खाताधारकों में खलबली के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आश्वासन दिया कहा किसी का पैसा नहीं डूबेगा. सरकार की ओर से बार-बार खाताधारकों को पैसे सुरक्षित रहने का भरोसा दिलाया जा रहा है. प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने शुक्रवार देर शाम को यस बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राणा कपूर के निवास पर छापा मारा. कपूर के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी हुआ है.
बैंक संकट के चलते रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक से निकासी की सीमा 50,000 रू तय की है यह सीमा 3 अप्रैल, 2020 तक लागू रहेगी. वहीं यस बैंक के डायरेक्टर बोर्ड को भी भंग कर दिया गया है. बैंक ने ऑनलाइन पेमेंट, एनईएफटी सेवा भी बंद कर दी. इससे कोई पैसा किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर भी नहीं कर सकता है. पाबंदी के बाद ग्राहक परेशान हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों से ब्रांचों में हंगामे की भी खबरें भी आ रही हैं. सरकार यस बैंक के लिए री-स्ट्रक्चरिंग प्लान ला रही है. इसमे गड़बड़ी करने वाले की पहचान होगी.
वहीं विपक्ष ने निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था चौपट कर दी है. राहुल गांधी ने कहा पीएम मोदी और उनके विचारों ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह किया. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने दावा किया, 'भाजपा 6 साल से सत्ता में है. वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित और विनियमित करने की उनकी क्षमता उजागर होती जा रही है'.
यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर ने अजीबो गरीब बयान दिया कहा कि मैं पिछले 13 महीने से बैंक में सक्रिय नहीं हूं, ऐसे में मुझे कोई आइडिया नहीं कि क्या चल रहा है. सिर्फ 17 साल में अर्श से फर्श पर आ गया यस बैंक. इस हालात में यस बैंक के शेयर में 70 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई. एसबीआई ने यस बैंक में हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. निवेशक बैंक अगले तीन साल के लिए 49 फीसदी हिस्सेदारी ले सकता है. वहीं अपनी हिस्सेदारी 26 फीसदी से कम नहीं कर सकता है.