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21 September 2020

विधानसभा का एक दिवसीय सत्र आयोजित, 8 बिल पारित

मप्र विधानसभा सत्र आयोजित

भोपाल: राज्य विधानसभा का एक दिवसीय सत्र सोमवार को आयोजित हुआ. कोरोनाकाल में सुरक्षा इंतजामों के बीच एक दिन में ही सारे काम निपटाने के लिए सत्र आयोजित किया गया था. मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति विधेयक तथा मध्यप्रदेश साहूकार संशोधन विधेयक 2020 बिल पारित हुए. विपक्ष के हंगामे के बीच 8 विधेयक पास हुए, सीएम के भाषण के बाद विधानसभा स्थगित की गई. विधानसभा सत्र महज 90 मिनट का हुआ. मंत्री उषा ठाकुर द्वारा जय आदिवासी युवा संगठन को लेकर दिए बयान पर विधानसभा में हंगामा हुआ. मंत्री ने पिछले दिनों जयस को देशद्रोही संगठन बताया था. नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने सीएम से कोरोना की स्थिति बताने के लिए कहा. सत्र की शुरुआत में दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के बाद पांच मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित की गई.

मप्र विधानसभा सत्र कांग्रेस विधायक

नए कानून से अब अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति साहूकारों के चंगुल से मुक्त होंगे. साहूकार अवैध ऋणों से गरीबों का शोषण नहीं कर पाएंगे. इस बार कोरोना संक्रमण से बचाव के मापदंडों का पालन करने के लिए केवल 61 विधायकों के लिए सदन में बैठने के इंतजाम किए गए. शेष विधायको ने जिला एनआइसी कार्यालयों के जरिए कार्यवाही में ऑनलाइन हिस्सा लिया. मंत्री और विधायक सोशल डिस्टेंगिंग के साथ विधानसभा में पहुंचे. विधानसभा में प्रवेश से पहले सभी की स्क्रीनिंग हुई. सैनेटाइजर से हाथ साफ कराने के बाद प्रवेश मिला.

सत्र शुरू होने से पहले गाडरवारा से कांग्रेस विधायक सुनीता पटेल भोपाल में गांधी जी की प्रतिमा के पास धरने पर बैठ गईं. उन्होंने नरसिंहपुर के एडिशनल एसपी राजेश तिवारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में निवास कर रहे अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति 15 अगस्त 2020 तक उन्हें दिए गए समस्त अवैध ऋणों से मुक्त हो जाएंगे. इसके साथ ही प्रदेश में अरजिस्ट्रीकृत साहूकारों द्वारा किसी भी व्यक्ति को दिया गया ऋण वसूला नहीं जा सकेगा तथा रजिस्ट्रीकृत साहूकारों द्वारा अधिक ब्याज पर दिया गया ऋण भी मान्य नहीं होगा. ऋणी द्वारा गिरवी रखी गई प्रत्येक सम्पत्ति ऋणी के पक्ष में निर्मुक्त हो जाएगी तथा लेनदार इस बात के लिए आबद्ध होगा कि उस ऋणी को वह सम्पत्ति तत्काल वापस कर दे. जो इन नियमों का उल्लंघन करेगा उसे 3 वर्ष तक कारावास या 1 लाख रूपए तक का जुर्माना हो सकेगा, या दोनों से दंडित किया जाएगा. कोरोना से निपटने में सहयोग प्रदान करने विपक्ष से आग्रह किया. हम सब मिलकर इस महामारी से लड़े और उसे परास्त करें.

यह प्रस्ताव पारित

प्रदेश के कुछ इलाकों से आए किसानों ने प्रदेश भाजपा कार्यालय से विधानसभा तक रैली निकालकर प्रदर्शन किया. किसान भूमि अधिगृहण कानून को वापस लेने की मांग कर रहे थे.

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