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01 December 2021
मध्य प्रदेश की महिला पुलिसकर्मी को जेंडर परिवर्तन अनुमति
भोपाल: मध्य प्रदेश पुलिस(Madhya Pradesh Police) ने लेडी कॉन्स्टेबल को जेंडर बदलने की अनुमति दी. मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार कोई महिला पुलिसकर्मी से पुरुष पुलिसकर्मी बनेगी. गृह मंत्रालय ने महिला कॉन्स्टेबल को जेंडर बदलने की अनुमति दी. इस संबंध में गृह विभाग ने बुधवार को आदेश भी जारी कर दिए.
पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग से महिला कांस्टेबल का जेंडर चेंज करने को लेकर मार्गदर्शन मांगा था. गृह विभाग ने पहले विधि विभाग से सलाह ली और उसके बाद अनुमति दे दी गई.
मध्य प्रदेश की लेडी कॉन्स्टेबल लंबे समय से अपना जेंडर चेंज कराना चाहती थी. गृह विभाग ने बताया कि महिला कॉन्स्टेबल को बचपन से जेंडर आइडेंटिटी डिसऑर्डर(Gender Identity Disorder) था. इस डिसऑर्डर से उसे लगता था कि उसका शरीर उसके स्वभाव से मेल नहीं खा रहा. इसकी पुष्टि देश के बड़े-बड़े मनोचिकित्सकों ने भी कर दी थी. इस बीमारी से ग्रसित महिला पुलिसकर्मी ने सारे काम पुरुषों की तरह ही किए हैं. लंबे समय से विचार होने के बाद इस मामले में उसे अनुमति दी गई.
जेंडर डायसोफोरिया(Gender dysphoria) या आइडेंटिटी डिसऑर्डर वह स्थिति है जिसमें एक पुरुष महिला की तरह और एक महिला पुरुष की तरह व्यवहार करती है. दोनों को विपरीत लिंग का व्यवहार और लिविंग स्टाइल अच्छी लगती है. यानी, एक पुरुष के अंदर महिला और एक महिला के अंदर पुरुष होता है. दोनों अपने अंदर के स्वभाव जैसा होना चाहते हैं और विपरीत लिंग का बर्ताव ही उन्हें अच्छा लगता है. कुछ बच्चों में ये लक्षण करीब 12 साल की उम्र से दिखाई देने लगते हैं, तो कुछ बच्चे बचपन से विपरीत लिंग जैसी हरकतें करने लगते हैं.
अपर सचिव ने बताया कि यह मध्यप्रदेश के लिए एक नया मामला है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में किसी भी व्यक्ति को धर्म जाति पर ध्यान दिए बिना अपने लिंग का चुनाव करने का अधिकार दिए गए हैं. ऐसे में पुलिस कर्मी भी भारत के संविधान के अंतर्गत आते हैं. बता दें इसके पहले महाराष्ट्र में रहने वाली 29 वर्षीय महिला कॉन्स्टेबल को भी इस तरह की अनुमति दी गई थी.