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28 January 2021 Updated: Jan. 29
किसान प्रवक्ता राकेश टिकैत के आंसू आए, गिरफ्तारी रुकी
नई दिल्ली: किसान आंदोलन हिंसा और लाल किले की घटना के बाद किसान नेता राकेश टिकैत को गिरफ्तार करने पहुची पुलिस टीम वापिस लौटी. किसान युनियन प्रवक्ता टिकैत के आंसू देख पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया. पुलिस ने आंदोलन कर रहे किसानो से जगह खाली करने के लिए भी कहा है. वही सिंघु बॉर्डर पर 2 पुलिस अधिकारियों पर तलवार से हमला किया गया, आरोपी को हिरासत में लिया. दिल्ली हिंसा में जिम्मेदार माने जा रहे टिकैत गुरुवार को मीडिया के सामने रो पड़े थे. एक बार फिर सिमटता हुआ आंदोलन मजबूत हुआ. 4 किसान संगठन खुद को इस आंदोलन से अलग करने का ऐलान कर चुके है. भारतीय किसान यूनियन की मुजफ्फरनगर में शुक्रवार को महापंचायत हुई.
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन 2 महीनों से चल रहा है. राकेश टिकैत किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे हैं. किसान राजनीति उन्हें विरासत में मिली है. राकेश टिकैत कभी दिल्ली पुलिस में सिपाही हुआ करते थे. किसान नए कृषि कानून वापिस लेने की मांग कर रहे है. भारतीय किसान यूनियन(Bhartiya Kisan Union) 1987 में बनी थी. किसान आंदोलनों के चलते वो 44 बार जेल भी जा चुके हैं.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के गाजीपुर स्थित तंबू पर नोटिस लगा दिया गया है. साथ ही किसान नेता को प्रतिक्रिया देने के लिए 3 दिन का वक्त दिया गया है. हालांकि, टिकैत ने साफ कर दिया है कि वो आंदोलन छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं.
टिकैत ने कहा कि किसानों के साथ साजिश हो रही है. किसानों को मारने की साजिश हो रही है. उसके बाद वे रोने लगे. बार-बार राकेश टिकैत दोहराने लगे कि किसानों के साथ धोखा हुआ है. देश के किसानों के साथ अत्याचार हो रहा है. अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कृषि कानून को वापस लेना ही होगा. टिकैत ने ऐलान किया कि कृषि कानून वापस नहीं हुआ तो वे आत्महत्या कर लेंगे.