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30 June 2021
केंद्र सरकार की और से भारतनेट प्रोजेक्ट को मिली मंज़ूरी
नई दिल्ली: भारतनेट योजना को बुधवार को केंद्र सरकार से हरी झंडी मिली. देश के 16 राज्यों में गांवों तक ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क पहुंचेगा. पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में भारतनेट प्रोजेक्ट के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. कैबिनेट और CCEA की बैठक में टेलीकॉम सेक्टर के लिए अहम फैसले लिए गए हैं. भारतनेट प्रोजेक्ट के तहत सभी गांवों तक ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा मिलेंगी.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट की बैठक में लिए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि कैबिनेट ने भारत नेट योजना को मंजूरी दी है. हेल्थ सर्विस, एजुकेशन और ई-गवर्नेंस सर्विसेज तक पहुंच के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी की आवश्यकता पर प्रकाश डाला. भारतनेट के जरिए एंटरटेनमेंट सर्विसेज तक पहुंच को सक्षम करेगा, क्योंकि अब ओवर-द-टॉप(ओटीटी) प्लेटफॉर्म की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है.
यह योजना PPP मॉडल के तहत राज्यों में लागू होगी. इस योजना पर 29,432 करोड़ रुपए के कुल खर्च को मंजूरी मिली है. 19,000 करोड़ रुपए के अलॉटमेंट को मंजूरी मिल गई है. योजना के तहत सरकार ने शुरू में सभी 2.52 लाख ग्राम पंचायतों को फास्ट स्पीड की ब्रॉडबैंड सर्विस से जोड़ने का लक्ष्य रखा था. पीएम ने बाद में इस प्रोजेक्ट का विस्तार सभी गांवों तक करने की घोषणा की.
भारतनेट प्रोजेक्ट मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत शुरू हुआ प्रोग्राम है. ग्रामीण क्षेत्रो में 75 प्रतिशत सस्ती कीमत पर इंटरनेट मिलेगा. इस प्रोजेक्ट के तहत, सरकार का लक्ष्य टेलीकॉम कंपनियों को ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड और वाईफाई सर्विस के लिए सस्ती कीमत पर बैंडविड्थ देना है. प्रोजेक्ट के जरिए सरकार की 'डिजिटल इंडिया' पहल को भी बढ़ावा मिलेगा क्योंकि इसके तहत गांव-गांव तक इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2020 को घोषणा की थी कि 1,000 दिन में सभी गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ दिया जाएगा. इस योजना के तहत चुने हुए 16 राज्य हैं - केरल, कर्नाटक, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश.