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04 August 2022
सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट, सीएम MOU हस्ताक्षर
खंडवा: जिले में नर्मदा नदी पर बने ओंकारेश्वर बांध में दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट तैयार किया जा रहा है. सीएम शिवराज ने सोलर एनर्जी प्लांट के लिए MOU साइन हुआ. प्लांट के पहले चरण में 272 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है. ओमकारेश्वर डेम में बनने वाला यह प्रोजेक्ट 3,000 करोड़ रू की लागत का होगा. यह तैरता सोलर पावर प्लांट डैम के लगभग 2 हजार हेक्टेयर एरिया में होगा. इसमें कई फ्लोटिंग सोलर पार्क तैयार किए जाएंगे. भोपाल के मिंटो हॉल में MOU साइन हुआ.
सीएम ने कहा मध्यप्रदेश अभी 'Heart of India' के नाम से जाना जाता है, मेरा सपना है कि इसे 'Lungs of India' बना दूं, इसलिए हमने 2 अगस्त 2022 को नई रिन्यूएबल एनर्जी नीति को स्वीकृति दी है. प्रदेश में बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाने और बिजली की समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से खंडवा में एक तैरता हुआ सौर ऊर्जा संयंत्र बनाया जा रहा है. सोलर एनर्जी के क्षेत्र में काम करने वाले सभी निवेशकों को मध्य प्रदेश(M.P.) में आमंत्रित करता हूं.
प्लांट 2022-23 तक 600 मेगावाट बिजली पैदा करेगा. इसे दुनिया का सबसे बड़ा तैरता सौर संयंत्र कहा जा रहा है.
सीएम शिवराज सरकार का कमिटमेंट है कि 2027 तक प्रदेश अपनी नवीनीकृत ऊर्जा की क्षमता बढ़ाकर 20000 मेगावाट कर लेगा. 2012 में नवीनीकृत ऊर्जा की क्षमता थी 500 मेगावाट से कम लेकिन अब हमने उसमें 10 गुना वृद्धि करके आज 5000 मेगावाट से ज्यादा की उत्पादन क्षमता विकसित कर ली है. फ्लोटिंग सोलर पैनल बिछाने के लिए जमीन की जरूरत ही नहीं है. इसलिए विस्थापन भी शून्य होगा. डैम के पानी पर सोलर पैनल बिछाने से बिजली भी बनेगी और पानी भी बचेगा. भोपाल को 124 दिन पीने के पानी की जितनी जरूरत होती है, उतना पानी हमारे इस पावर प्लांट के कारण ओंकारेश्वर में बचेगा.
खंडवा में फ्लोटिंग सोलर प्लांट बनने के साथ ही यह मध्य प्रदेश का एकमात्र जिला बन जाएगा, जिसके पास थर्मल पावर स्टेशन, हाइडल पावर स्टेशन और सोलर पावर स्टेशन होगा. 4040 मेगावॉट बिजली उपत्पादन के साथ पहले से ही खंडवा जिला प्रदेश का पॉवर हब बन चुका है. यहां पन बिजली परियोजनाओं में ओंकारेश्वर बांध से 520, इंदिरा सागर परियोजना से 1 हजार मेगावॉट बिजली बन रही है. वहीं, सिंगाजी थर्मल पॉवर प्लांट भी 2520 मेगावॉट क्षमता वाला है. अब सोलर प्लांट लगने से 600 मेगावॉट बिजली बनेगी. ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्लांट का सितंबर-अक्टूबर से शुरू होगा कार्य.
गौरतलब है कि दुनिया में अब तक केवल 10 फ्लोटिंग पावर प्लांट हैं. ओंकारेश्वर दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट है, इसकी सबसे बड़ा खासियतों में से एक ये भी है कि इसको बनाने में कोई विस्थापन नहीं होगा. ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की ये परियोजना 600 मेगावाट क्षमता की होगी. पहले चरण में 278 मेगावॉट का प्रोजेक्ट है. परियोजना का निर्माण दो चरणों में हो रहा है. इस पावर प्लांट से 12 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को रोका जा सकेगा.