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21 December 2022
सम्मेद शिखर तीर्थस्थल ही रहेंगा, झारखंड सरकार झुकी
भोपाल: झारखंड सरकार ने अपना फैसला वापिस लिया. सम्मेद शिखरजी तीर्थ स्थल ही रहेगा. सरकार के इस फैसले से जैन समाज का विरोध खुशी में बदला. कई शहरो में सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल की सूची में रखने का विरोध किया जा रहा था. जैन समाज विरोध में सड़कों पर उतर आया था. इमामी गेट से मौन रैली निकाली और प्रतिष्ठान बंद रखे गए. देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे थे. मध्यप्रदेश के इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर, नर्मदापुरम, खंडवा, बालाघाट के अलावा प्रदेश के दूसरे जिलों में भी बंद बुलाया गया था.
झारखंड सरकार के फैसले के बाद अब सम्मेद शिखर तीर्थ स्थल ही रहेगा, उसे पर्यटन स्थल घोषित नहीं किया जाएगा. सरकार ने इसे टूरिज्म स्पॉट बनाने के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था. जैन समाज सरकार के इस फैसले को वापिस लेने के लिए आंदोलन कर रहा था. झारखंड के गिरिडीह स्थित पवित्र जैन तीर्थ सम्मेद शिखरजी को पर्यटन की सूची से हटा दिया गया है. परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने स्वयं एक चैनल पर इसकी घोषणा की. इसका श्रेय विश्व जैन संगठन को दिया. उन्होंने इसके लिए सबको बधाई भी दी.
श्री सम्मेद शिखरजी जैन धर्म के पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है. जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकर भगवान और असंख्य महामुनिराजों ने इसी पवित्र भूमि से तपस्या कर निर्वाण प्राप्त किया है.
मध्य प्रदेश के बालाघाट में सकल जैन समाज के लोगों ने अपना ब्लड निकलवाया और पत्र पर खून से साइन किए. भोपाल में सुबह से ही मार्केट बंद रहा. करीब 100 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ. इंदौर में वकीलों ने सफेद पट्टी बांधकर काम किया. सागर, उज्जैन, जबलपुर में भी बंद बुलाया गया है. विदिशा जिले में बासौदा सहित शहरो में जैन समुदाय ने रैली निकाल कर विरोध जताया था. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लेटर लिखा था. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने समाज का समर्थन किया है.