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11 July 2022
पीएम मोदी नए संसद भवन में अशोक स्तंभ का अनावरण
नई दिल्ली: पीएम मोदी ने सोमवार को नए संसद भवन में अशोक स्तंभ का अनावरण किया. 20 फुट ऊंचा और 9500 किलो का अशोक स्तंभ है. इस दौरान वहां पूजा-पाठ की गई एक धार्मिक समारोह आयोजित हुआ. अनावरण कार्यक्रम के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मौजूद रहे. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश और केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी भाग लिया.
कांस्य का बना यह अशोक स्तंभ 9,500 किलोग्राम वजनी है और इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है. राष्ट्रीय प्रतीक को नए संसद भवन के शीर्ष पर स्थापित किया गया है और इसे सहारा देने के लिए इसके आसपास करीब 6,500 किलोग्राम के इस्पात के एक ढांचे का निर्माण किया गया है. अशोक स्तंभ की यह प्रतिमा निर्माणाधीन संसद भवन पर लगने से पहले 8 चरणों से होकर गुजरी है. इन चरणों में इस प्रतिमा की स्केचिंग, पालिसिंग और निर्माण से संबंधित कई चरण शामिल हैं. अशोक के इस स्तंभ का निर्माण 2 हजार से ज्यादा लोगों ने मिलकर किया है. संसद भवन की इस नई इमारत में 1224 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी. बताया जा रहा है कि इस इमारत का निर्माण दिसंबर 2022 तक पूरा हो जाएगा. शीतकालीन सत्र तक नया संसद भवन बनकर तैयार हो जाएगा. स्तंभ का निर्माण औरंगाबाद के मूर्तिकार सुनील देवरे की नक्कासी पर तैयार किया गया है.
सम्राट अशोक ने भारत के विभिन्न हिस्सों में बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए स्तंभों का निर्माण कराया और बुद्ध के उपदेशों को इन स्तंभों पर शिलालेख के रुप में उत्कीर्ण कराया. महान सम्राट अशोक द्वारा अशोक स्तंभ सारनाथ, इलाहाबाद, वैशाली, दिल्ली, सांची में निर्माण कराया. इनके अलावा निगाली सागर और रुम्मिनदेई, लुंबिनी नेपाल, रामपुरवा और लौरिया नंदनगढ़, लौरिया अराराज, चंपारण बिहार एवं अमरावती में भी अशोक के स्तंभ स्थित हैं.
एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सरकार के प्रमुख के रूप में प्रधानमंत्री को नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ का अनावरण नहीं करना चाहिए था. संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन बताया. संविधान- संसद, सरकार और न्यायपालिका की शक्तियों को अलग करता है. सरकार के प्रमुख के रूप में प्रधानमंत्री को नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण नहीं करना चाहिए था. इस दौरान वहां पूजा पाठ करने पर माकपा ने कहा कि यह हर किसी का प्रतीक है, न कि उनका, जिनकी कुछ धार्मिक मान्यताएं हैं. धर्म को राष्ट्रीय समारोहों से दूर रखें.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रगति मैदान में ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की मुख्य सुरंग और 5 अंडरपास का उद्घाटन किया था. यह परियोजना प्रगित मैदान रिडेवलेपमेंट प्रोजेक्ट का एक अभिन्न अंग बताया जा रहा है. इस इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की कुल लागत 920 करोड़ से अधिक आई है. परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्रगति मैदान में आयोजित होने वाली विश्व स्तरीय प्रदर्शनी और कन्वेंशन सेंटर तक लोगों को आसानी से पहुंचने में मदद मिलेगी.