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02 September 2022
नौसेना में शामिल हुआ, स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस विक्रांत
कोच्चि: पीएम मोदी ने केरल के कोच्चि में देश के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत को देश को समर्पित किया. INS विक्रांत भारत के समुद्री इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा जहाज है. जिसे कोचीन शिपयार्ड में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. नेवी में स्वदेशी INS विक्रांत के आने से जवानों का जोश हाई है और हर भारतीय इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर गर्व कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में इसे देश को समर्पित कर दिया. यहां नौसेना के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया.
नौसेना को मिला बाहुबली, PM बोले- समंदर और चुनौतियां अनंत तो भारत का उत्तर- विक्रांत. पिछले समय में इंडो-पैसिफिक रीज़न और इंडियन ओशन में सुरक्षा चिंताओं को लंबे समय तक नजरंदाज किया जाता रहा. अब बजट से लेकर क्षमता बढ़ाने तक पर काम हो रहा है. नेवी में भारत की बेटियों के लिए अब कोई बंधन नहीं. नौसेना को गुलामी की पहचान से मुक्ति मिली. भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है. इस पोत के आधिकारिक तौर पर शामिल होने से नौसेना की ताकत दोगुनी हुई.
भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करता है. युद्धपोत के एयरबेस में जो स्टील लगी है, वो स्टील भी स्वदेशी है. चालक दल के लगभग 1,600 सदस्यों के लिए डिजाइन किया गया. करीब 2,200 कमरों वाला देश का अब तक का सबसे बड़ा और पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है. युद्धपोत का निर्माण, भारत के प्रमुख औद्योगिक घरानों के साथ-साथ 100 से अधिक लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम(MSME) द्वारा बनाए गए स्वदेशी उपकरणों और मशीनरी का उपयोग करके किया गया है. जहाज में नवीनतम चिकित्सा उपकरण सुविधाओं के साथ एक पूर्ण अत्याधुनिक चिकित्सा परिसर है जिसमें प्रमुख मॉड्यूलर ओटी(ऑपरेशन थिएटर), आपातकालीन मॉड्यूलर ओटी, फिजियोथेरेपी क्लीनिक, आईसीयू, प्रयोगशालाएं, सीटी स्कैनर, एक्स-रे मशीन, दंत चिकित्सा परिसर, आइसोलेशन वार्ड और टेलीमेडिसिन सुविधाएं आदि शामिल हैं. यह स्वदेश निर्मित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर(ALH) और हल्के लड़ाकू विमान(LCA) के अलावा मिग-29 के लड़ाकू जेट, कामोव-31 और एमएच-60 आर बहु-भूमिका वाले हेलीकॉप्टरों सहित 30 विमानों से युक्त एयर विंग को संचालित करने में सक्षम होगा. 2000 नौसेना कर्मी तैनात होंगे. क्षमता दो फुटबाल मैदान के बराबर है. पोत को तैयार करने में 13 साल लगे. इसका वजन 45 हजार टन है. भोपाल में बना एचएलबीएस वर्क स्टेशन सर्वर लगा है.
स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर IAC विक्रांत का नाम 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर पर रखा गया है. भारत से पहले सिर्फ पांच देशों ने 40 हजार टन से ज्यादा वजन वाला एयरक्राफ्ट कैरियर(Aircraft Carrier) बनाया है.
भारतीय नौसेना के वर्तमान ध्वज के ऊपरी बाएं कोने में तिरंगे के साथ सेंट जॉर्ज क्रॉस है. भारतीय नौसेना ब्रिटिश काल में ही अस्तित्व में आ गई थी. 2 अक्टूबर, 1934 को नौसेना सेवा का नाम बदलकर रॉयल इंडियन नेवी किया गया था. 26 जनवरी, 1950 को भारत के गणतंत्र बनने के साथ रॉयल को हटा दिया गया और इसे भारतीय नौसेना का नाम दिया गया. हालांकि, ब्रिटेन के औपनिवेशिक झंडे को नहीं हटाया गया. अब पीएम ने भारतीय नौसेना के नए झंडे का अनावरण किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि में नौसना के ध्वज का अनावरण किया. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, सीएम पिनाराई विजयन, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हिरकुमार और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे.
पीएम मोदी केरल और बेंगलुरु के दो दिवसीय दौरे पर है. केरल में विक्रांत के अनावरण के बाद मंगलुरु में पीएम मोदी ने 3800 करोड़ रु के कई मेगा प्रोजेक्ट लॉन्च किए.