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03 August 2023

राष्ट्रपति मुर्मू उत्कर्ष-उन्मेष साहित्य सम्मेलन का शुभारंभ

राष्ट्रपति उत्कर्ष-उन्मेष शुभारंभ

भोपाल: राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू गुरुवार को भोपाल पहुंची. रविंद्र भवन में उत्कर्ष-उन्मेष कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया. राष्ट्रपति के स्वागत में देशभर के 500 से ज्यादा कलाकारो ने भगोरिया नृत्य की प्रस्तुति दी. उन्मेष के दौरान जनजातीय कवि, लेखक सम्मेलन और गीत के सत्रों का आयोजन किया जा रहा है. उनकी मध्यप्रदेश की ये पांचवी यात्रा है.

उन्मेष उत्सव एशिया का सबसे बड़ा साहित्यिक सम्मेलन है, जिसका आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव के तहत किया जा रहा है. उन्मेष का पहला संस्करण हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में किया गया था, वहीं दूसरा संस्करण मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में किया जा रहा है. इस बार आयोजन में देशभर के करीब 575 लेखक शामिल हुए हैं. भारत की लोक एवं जनजाति अभिव्यक्तियों का राष्ट्रीय उत्सव 3 से 5 अगस्त तक होंगा. राजा भोज विमानतल पर गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, शिवराज ने उनका पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया. कार्यक्रम में राज्यपाल मंगूभाई पटेल और सीएम शिवराज भी मौजूद रहें.

राष्ट्रपति ने कहा मेरी सब से अधिक यात्राएं मध्यप्रदेश में हुई हैं. संयोग से ये मेरी एमपी की पांचवी यात्रा है. मैं प्रदेश के 8 करोड़ वासियों को धन्यवाद देती हूं. इस कार्यक्रम के लिए मैं प्रदेश सरकार की प्रशंसा करती हूं. भारतीय गौरव को शौर्य देने वाले कई रचनाकारों का योगदान रहा है. सभी भाषाएं और बोलियां मेरी अपनी हैं. भारत के साहित्य का अन्य भाषाओं में अनुवाद होने पर ये और समृद्ध हो सकेगा. उत्कर्ष कार्यक्रम के आयोजन के लिए मैं आयोजकों को शुभकामनाएं देती हैं. मध्यप्रदेश में आदिवासियों की बड़ी आबादी रहती हैं.

सीएम शिवराज ने कहा उन्मेष और उत्कर्ष के रूप में हमारे कलाकार कुछ बेहतर लेकर आते हैं. ऐसे आयोजन सारी दुनिया को इकट्ठा करने का काम करते हैं. मध्यप्रदेश कला और संगीत की संगम स्थली रही है. ये साहित्यकारों और कलाकारों की प्रिय भूमि रही है. राजशेखर, भृर्तहरि, कालिदास, बिहारी जैसे रत्न हुए हैं. इनका नाम लेकर मैं गर्व महसूस कर रहा हूं. लता मंगेशकर, किशोर कुमार जैसे कलाकार भी इस धरती से हैं. अटल बिहारी वाजपेयी की भी कर्मस्थली ये रही है. साहित्य, कला और संगीत में वो ताकत है कि पूरी दुनिया को एक रख सके.

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