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18 March 2023

मप्र बोर्ड के पेपर लीक मामले में आरोपी हुए गिरफ्तार

मध्य प्रदेश पेपर लीक आरोपी गिरफ्तार

भोपाल: मध्यप्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं और 12वीं परीक्षा के पेपर लीक होने के मामले में पुलिस ने आरोपिओ को गिरफ्तार किया. क्राइम ब्रांच ने माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षाओं के पेपर सोशल मीडिया के जरिए बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. बी.कॉम का स्टूडेंट सोशल मीडिया टेलीग्राम पर पेपर बेचने के आरोप में पकड़ाया है. पुलिस ने शनिवार को रायसेन के मंडीदीप से एक आरोपी कौशिक दुबे पिता श्याम कुमार दुबे को गिरफ्तार किया है. दूसरे आरोपी को खंडवा से हिरासत में लिया है. पेपर लीक कांड में भोपाल से 4 टीचर को गिरफ्तार किया. मोबाइल से फोटो खींचते थे. एग्जाम से आधे घंटे पहले कोचिंग स्टूडेंट्स को पर्चा देते थे.

एमपी बोर्ड पेपर लीक आरोपी मंडीदीप गिरफ्तार

4 गिरफ्तार लोगो में भोपाल के एक परीक्षा केंद्र के केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष और 2 पर्यवेक्षक शामिल है, इन पर पेपर लीक करने के आरोप है. जबकि बी.कॉम का 1 स्टूडेंट सोशल मीडिया पर पेपर बेचने के आरोप में पकड़ाया है. टेलीग्राम पर पेपर बेचते थे.

शनिवार को छापेमारी में एमपी बोर्ड की 12वीं की केमिस्ट्री और बिजनेस एनालिसिस पेपर लीक के आरोप में भानपुर क्षेत्र के विद्यासागर स्कूल केंद्र से 4 टीचर्स को गिरफ्तार किया गया. इसमें केंद्राध्यक्ष राजकुमार सक्सेना, सहायक केंद्राध्यक्ष रेखा गोयल और पर्यवेक्षक पवन सिंह व विश्वनाथ सिंह शामिल हैं. पर्यवेक्षक पवन सिंह और विश्वनाथ कोचिंग सेंटर चलाते हैं. वह परीक्षा से करीब आधा घंटा पहले पेपर वाट्सऐप ग्रुप पर भेज देते हैं. ताकि छात्र पेपर को पढ़कर अच्छे नंबर ला सकें और उनकी कोचिंग का नाम हो. वह 3 मार्च से इस तरह पेपर भेज रहे हैं. शुक्रवार को दोनों ने केमिस्ट्री और बिजनेस एनालिसिस का पेपर लीक किए थे. शुक्रवार को 10वीं का अंग्रेजी का पेपर भी लीक हुआ था. इससे पहले 1 मार्च से ही सोशल मीडिया पर लगातार बोर्ड की परीक्षाओं के पर्चे लीक किए जा रहे हैं.

पुलिस मामले में अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है. अब तक 10-12 टेलीग्राम ग्रुप की जानकारी मिली है, जिनमें पेपर बेचने का गोरखधंधा चल रहा है. आरोपी पिछले दो साल से इस तरह की ठगी को अंजाम दे रहा था.

एमपी बोर्ड की 10वीं, 12वीं की परीक्षा के पेपर वायरल होने से पूरे सिस्टम पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. यह मामला विधानसभा तक पहुंच गया. विपक्ष ने विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर सवाल उठाए.

साइबर क्राइम ब्रांच ने इस मामले में परीक्षार्थियों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है. कोई भी व्यक्ति परीक्षा पूर्व प्रश्‍न पत्र लेने के प्रलोभन में न आए. प्रश्‍न पत्र के बदले में किसी को भी पैसे न दे. असामाजिक तत्वों द्वारा पैसे कमाने के लिये गैस पेपर या डमी पेपर भेजे जाते हैं. व्यक्ति को भरोसे में लेने के लिए माशिमं के लोगो (मोनो) का उपयोग किया जाता है. ऐसे किसी झांसे में न आएं.

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