News of Madhya Pradesh India
Hindi news portal of Bhopal. read regular fresh news of Bhopal, Indore, Gwalior, Jabalpur. whole state reporting with MP News Portal
05 May 2023
साल 2023 का पहला चंद्रग्रहण 8:44 शुरू, अवधि 4 घंटे
भोपाल: आज साल का पहला चंद्रग्रहण शुक्रवार रात 8 बजाकर 44 मिनिट पर प्रारंभ हुआ. मध्यप्रदेश में साल का पहला चंद्रग्रहण उप छाया चंद्रग्रहण रात 8 बजकर 44 मिनट पर दिखा. यह करीब 4 घंटे तक रहेगा. इसे देखने के लिए किसी उपकरण की जरूरत नहीं पड़ेगी. यह ग्रहण आरंभ होकर रात्रि 1 बजकर 2 मिनिट पर समाप्त होगा. 4 घंटे 15 मिनट की अवधि रहेंगी ग्रहण का मध्यकाल रात 10 बजकर 52 मिनट पर होगा.
चंद्रमा उपछाया ग्रहण के साए में होगा. जिसमें चंद्रमा की सतह धुंधली हो जाती है. ये उपच्छाया चंद्रग्रहण एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, हिन्द महासागर, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर और अन्टार्कटिका में दिखेगा. इस ग्रहण को देखने के लिए किसी यंत्र या व्यूअर की आवश्यकता नहीं होगी.
भारत में चंद्र ग्रहण का अद्भुत नजारा भोपाल, दिल्ली, कानपुर, पुणे, मुबंई, ऊटी, चंडीगढ़, बेंगलुरू, हैदराबाद, चेन्नई, ईटानगर, इंफाल, पटना, सूरत, विशाखापट्टनम, रांची, अहमदाबाद, वाराणसी, कोहिमा, उज्जैन, वाराणसी, मथूरा में दिखाई देगा. यह एक उपच्छाया ग्रहण है इसीलिये हिन्दुओं द्वारा किये जाने वाले किसी भी धार्मिक संस्कार के लिये यह ग्रहण मान्य नहीं होगा. इसमें धार्मिक कार्य किए जा सकते हैं. यही वजह है कि भारत में चंद्र ग्रहण दिखने के बाद भी सूतक काल नहीं लगेगा.
83 प्रतिशत लोग इसका कुछ न कुछ भाग और लगभग 56 प्रतिशत लोग इस पूरे ग्रहण को देख सकेंगे. चंद्रमा पर होने वाले 3 प्रकार के ग्रहण में से यह उपछाया चंद्रग्रहण होगा. इस घटना के समय सूरज और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाएगी. इससे पृथ्वी की छाया और उपछाया दोनों बनेगी.
20 अप्रैल को घटित हाइब्रिड सूर्यग्रहण के 15 दिन के बाद यह चंद्रग्रहण की घटना हो रही है. अगला चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर 2023 को होगा. इस आंशिक चंद्रग्रहण को भी भारत में देखा जा सकेगा.
पूर्ण चंद्रग्रहण और आंशिक चंद्रग्रहण के बीच की भी एक स्थिति होती है उसे उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहते हैं. उपछाया चंद्र ग्रहण में चंद्रमा पर पृथ्वी के बाहरी हिस्से की छाया ही पड़ती है और इसका प्रभाव यह होता है कि चंद्रमी सतह पर हल्का सा धुंधला और मटमैला दिखाई देता है. इसमें चंद्रमा का कोई भाग कटा हुआ दिखाई नहीं देता है.