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26 November 2023

दो दिवसीय महाबोधि महोत्सव मेला, शोभायात्रा के साथ संपन्न

साँची महाबोधि महोत्सव संपन्न

साँची: विश्व धरोहर स्थल साँची में 71वां महाबोधि महोत्सव रविवार को संपन्न हुआ. दोपहर दो बजे चैत्यगिरी बिहार मंदिर से शोभायात्रा शुरू हुई. महाबोधी सोसायटी के तपस्वी स्वामी महाराज ने भगवान बुद्ध के परम शिष्य सारीपुत्र और महामुगलायन का अस्थि कलश अपने सिर पर रखकर मुख्य स्तूप की परिक्रमा की. अस्थियां निकाल कर उनकी पूजा अर्चना की गई. इस दौरान देश-विदेश से आए बुद्ध धर्म को मानने वाले अनुयायियों ने साधु-साधु का जयघोष किया. रात में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ. भोपाल के कलांजली ग्रुप ने बुद्ध वंदना और भरतनाट्यम की प्रस्तुतिया दी.

साँची महाबोधि महोत्सव संपन्न

कार्यक्रम में शामिल होने विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पर देश विदेश से बौद्ध धर्म के अनुयायी पहुंचे. अस्थि कलश की शोभायात्रा के साथ सांची में दो दिवसीय महाबोधी महोत्सव संपन्न हुआ. इस बार महाबोधि महोत्सव में श्रीलंका, थाईलैंड, जापान समेत अन्य देशों से भक्तगण शामिल हुए. इस दौरान यहां दो दिवसीय मेले का भी आयोजन किया गया, जिसका देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने जमकर लुत्फ उठाया.

रायसेन महाबोधि महोत्सव संपन्न

बता दें कि महाबोधि महोत्सव का शुभारंभ शनिवार, 25 नवम्बर को प्रातः 08 बजे भगवान बुद्ध के शिष्य सारिपुत्र और महामोदग्लायन के अस्थि कलश पूजन के साथ हुआ. अस्थि कलश पूजन के लिए श्रीलंका, जापान, वियतनाम सहित कई देशों से आए बौद्ध अनुयायी महाबोधि सोयायटी से स्तूप परिसर में स्थित बुद्ध मंदिर पहुंचे. स्तूप परिसर स्थित मंदिर में श्रीलंका महाबोधी सोसायटी के अध्यक्ष वानगल उपतिस्स नायक थेरो तथा उनके शिष्यों द्वारा महात्मा बुद्ध के शिष्य महामोदग्लायन एवं सारिपुत्र की पवित्र अस्थियों की पूजा कर दर्शन के लिए रखा गया. इन पवित्र अस्थि कलशों को श्रीलंका महाबोधी सोसायटी के पदाधिकारियों तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों की उपस्थिति में तलघर से मंदिर तक लाया गया.

साँची महाबोधि महोत्सव मेला संपन्न

गौरतलब है कि यह महोत्सव बौद्ध धर्म के महान उत्सवों में से एक है, जो महात्मा बुद्ध के बोधि प्राप्ति की जयंती के रूप में मनाया जाता है. यह महोत्सव हर साल नवंबर माह के अंतिम रविवार को आयोजित होता है.

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