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30 March 2024 Updated: Mar. 31

राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा देश की 5 शख्सियत भारत रत्न से सम्मानित

राष्ट्रपति मुर्मू 5 शख्सियतों भारत रत्न

नई दिल्ली: देश की चार हस्तियों को मरणोपरांत शनिवार को भारत रत्न से नवाजा गया. इनमे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर और कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन शामिल है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को रविवार (31 मार्च) को भारत रत्न से सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हस्तियों को पुरुस्कारों से सम्मानित किया.

राष्ट्रपति मुर्मू 5 शख्सियतों भारत रत्न आडवाणी

राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में चारों शख्सियतों के परिजनों ने यह सम्मान हासिल किया. नरसिम्हा राव के बेटे पीवी प्रभाकर राव, चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी, कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर और एमएस स्वामीनाथन की बेटी नित्या राव ने राष्ट्रपति से यह सम्मान ग्रहण किया. राष्ट्रपति मुर्मू ने 23 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती से एक दिन पहले उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा की थी. पीएम मोदी ने 9 फरवरी को डॉ. एमएस स्वामीनाथन, पीवी नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न (मरणोपरांत) देने का ऐलान किया था. स्वामीनाथन एक कृषि वैज्ञानिक थे. उन्हें भारत में हरित क्रांति का जनक कहा जाता है. सबसे पहले कर्पूरी ठाकुर और लालकृष्ण आडवाणी के नाम का ऐलान हुआ था.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 2024 में 5 हस्तियों को भारत रत्न सम्मान देने का ऐलान किया था. इन 5 हस्तियों को मिलाकर इस सम्मान को अब तक हासिल करने वालों की संख्या 53 हो गई. 2014 में सत्ता संभालने के बाद से मोदी के कार्यकाल में मदन मोहन मालवीय, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को यह सम्मान मिल चुका है.

भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. यह राष्ट्रीय सेवा जैसे कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल के लिए दिया जाता है. भारत रत्न देने की शुरुआत 2 जनवरी, 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने की थी. पहले ये सम्मान केवल जीवित रहते दिया जाता था, लेकिन 1955 में मरणोपरांत भी भारत रत्न दिये जाने लगा. देश के प्रधानमंत्री भारत रत्न के लिए किसी व्यक्ति के नाम की सिफारिश राष्ट्रपति को करते हैं. पुरस्कार पाने वाले को एक मेडल और सर्टिफिकेट दिया जाता है. मेडल में तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लैटिनम का चमकता सूर्य बना होता है. पत्ते का किनारा भी प्लैटिनम का होता है. इस सम्मान के साथ कोई धनराशि नहीं दी जाती है.

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