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22 December 2015

राज्यसभा से पास हुआ जुवेनाइल जस्‍टिस बिल

जुवेनाइल जस्टिस बिल पास

नई दिल्ली: जुवेनाइल जस्टिस बिल मंगलवार को राज्यसभा में ध्वनिमत के साथ पास हो गया. अब यह बिल राष्ट्रपति के पास मंज़ूरी के लिए भेजा जाएगा. लोकसभा ने यह बिल मई 2015 में पास कर दिया था. इस बिल में जघन्य अपराध के मामले में 16 से 18 साल की उम्र के नाबालिग को वयस्क माना जाएगा. मौजूदा कानून के तहत 18 साल से कम उम्र के अपराधी को नाबालिग माना जाता है.

नए प्रावधानों के मुताबिक संगीन अपराध में शामिल नाबालिगों को बालिग माना जाएगा. नए कानून के तहत जुवेनाइल बोर्ड संगीन जुर्म तय करेगा. नए बिल में कहा गया है कि रेप, मर्डर और एसिड अटैक जैसे खतरनाक अपराधों में शामिल नाबालिगों को बालिग माना जाएगा. गंभीर अपराध करने वाले नाबालिगों पर केस आम अदालतों में और बालिगों के लिए कानून के मुताबिक ही चलेगा.

मौजूदा कानून के मुताबिक अगर कोई नाबालिग संगीन अपराध में दोषी होता है तो उसे तीन साल तक बाल सुधार गृह में रखा जाता है और उसके बाद उसे रिहा कर दिया जाता है. हालांकि बिल पास होने का असर निर्भया केस पर नहीं पड़ेगा. लेकिन, आने वाले समय में ऐसे दूसरे अपराधी आसानी से बरी नहीं हो सकेंगे.

अब नए नियम में नाबालिग़ को अदालत में पेश करने के एक महीने के अंदर 'जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड' को ये जांच करना होगा कि उसे बच्चा माना जाए या वयस्क. वयस्क माने जाने पर किशोर को मुक़दमे के दौरान भी सामान्य जेल में रखा जाएगा. सजा भी अधिकतम 10 साल ही हो सकती है. अगर नाबालिग को वयस्क मान भी लिया जाता है और मुकदमा बाल अदालत में चलता है और आईपीसी के तहत सजा होती भी है तो भी उसे उम्र कैद या मौत की सजा नहीं दी जा सकती है.

संसद से जुवेनाइल बिल पास होने को निर्भया के माता-पिता ने सही कदम बताया. निर्भया की मां आशा देवी की आंखों में आंसू आ गए. वहीं निर्भया के पिता ने तसल्ली जताई कि कानून बनने से बच्चियों को सुरक्षा मिल सकेगी. दिल्ली के 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार के एक नाबालिग दोषी के तीन साल की सज़ा पूरी करने के बाद आज़ाद होने के कारण निर्भया के माता-पिता और दूसरे कई लोग इस बिल को जल्द से जल्द पास कराने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. निर्भया के साथ 16 दिसंबर, 2012 की रात दिल्ली में एक चलती बस में पांच लोगों ने बर्बरतापूर्वक सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया था. नाबालिग़ अपराधी को 20 दिसंबर को रिहा किया गया और फ़िलहाल वो किसी एनजीओ के संरक्षण में है.

बिल पर राज्य सभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि निर्भया जैसी घटना हमारे समाज पर धब्बा हैं, उसे न बचा पाना हमारे लिए शर्म की बात हैं. मैं निर्भया के माता-पिता को बधाई देता हूं, निर्भया की मां चाहती हैं कि अब कोई दूसरी निर्भया इस देश में न बने.

जुवेनाइल बिल पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा-मैं 20 साल की बेटी का बाप हूं. अगर मेरी बेटी के साथ निर्भया जैसी वारदात हुई होती तो मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कहता हूं कि मैंने एक बंदूक लेकर दोषियों को मार दिया होता. उनके इस कमेंट पर आपत्ति जताई गई तो उन्होंने कहा कि मैं एमपी के अलावा एक पिता भी हूं. यह जज्बाती मुद्दा है.

संसद में बिल पर चर्चा के दौरान बाल और महिला विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा मौजूदा कानून बेकार है और कड़े कदम वक्त की जरूरत है. वहीं लेफ्ट को छोड़कर सभी दलों ने इस बिल का समर्थन किया. कांग्रेस की रेणुका चौधरी ने भी बिल पास होने का स्वागत किया और कहा कि ये बिल कांग्रेस ही संसद में लेकर आई थी.

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