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7 November 2015

अभिनेता अनुपम खेर के नेतृत्व में मार्च फॉर इंडिया

अनुपम खेर मार्च फॉर इंडिया

नई दिल्ली: असहिष्णुता विरोध के खिलाफ अभिनेता अनुपम खेर ने आज शनिवार को मार्च किया. इस मार्च में कई जानी-मानी हस्तियां शामिल हुईं. पुरस्कार वापसी से देश की छवि को हो रहे नुकसान पर चिंता जताई गई. मार्च देश में बढ़ती असहिष्णुता के ख़िलाफ़ साहित्यकारों और फ़िल्मकारों के सम्मान लौटाने के विरोध में आयोजित हुआ. अनुपम खेर की अगुवाई में फिल्मकारों का दल प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचा. मार्च के दौरान पत्रकार से हुई बदसलूकी पर भी अभिनेता खेर ने खेद जताया माफ़ी मांगी.

मार्च फार इंडिया में तीन हजार से ज्यादा लोग पहुंचे. इसमें भारत माता की जय, मार्च फॉर इंडिया और इंडिया इज टॉलरेंट के नारे लगाये. असहिष्णुता का आरोप लगाकर पुरस्कार लौटाने वालों के खिलाफ अब कई कलाकार उठ खड़े हुए हैं. अनुपम खेर की अगुवाई में मार्च का आयोजन नेशनल म्यूजियम से राष्ट्रपति भवन तक हुआ.

अनुपम खेर, निर्देशक मधुर भंडारकर और चित्रकार वासुदेव कामथ समेत 11 सदस्यों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को एक ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन पर 90 लोगों ने हस्ताक्षर किए थे. जिनमें कमल हासन, शेखर कपूर, विद्या बालन, रवीना टंडन और विवेक ओबरॉय जैसी फिल्मी हस्तियां, लेखक, पूर्व न्यायाधीश और संगीतकार शामिल हैं.

राष्ट्रपति के सामने पत्र पढ़ते हुए खेर ने कहा 'किसी की भी नृशंस हत्या निंदनीय है. हम लोग इसकी कड़ी निंदा करते हैं और त्वरित न्याय की उम्मीद करते हैं. लेकिन अगर इसका इस्तेमाल कुछ लोगों द्वारा भारत को वैश्विक स्तर पर बदनाम करने की कोशिश के तौर पर किया जा रहा है तो हम लोगों को चिंता करनी चाहिए'.

खेर ने आगे कहा, किसी को भी भारत को असहिष्णु कहने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि दुनिया में कोई भी देश भारत के समान सहिष्णु नहीं है.

मधुर भंडारकर ने कहा 'जिस तरह से समूचे प्रकरण को पेश किया जा रहा है और उसका जो संदेश देश से बाहर जा रहा है, वह गलत है. यह विविधताओं का देश है और निश्चित तौर पर कुछ घटनाएं हुई हैं लेकिन हम सभी उन घटनाओं की निंदा करते हैं. इस बारे में दो राय नहीं है'.

देश में बढ़ती असहिष्णुता पर कई लेखक, इतिहासकार, वैज्ञानिक और फिल्म निर्माता विरोध कर रहे हैं और करीब 75 लोगों ने अपने पुरस्कार वापस किए हैं. वहीं बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पहले ही विरोध को कृत्रिम आक्रोश और राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज कर चुकी है. अवार्ड वापसी के कदम को राजनीतिक एजेंडा बताया.

खेर ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा 'विपक्षी पार्टी जिस नेता को पेश कर रही है वह मुझे बहुत अधिक प्रभावित नहीं करते. वह पहले से तैयार किये गये बयान पढते हैं. हमारे पूर्व प्रधानमंत्री भी यही किया करते थे. वैश्विक स्तर पर प्रधानमंत्री मोदी जिस उत्साह के साथ भारत के बारे में बात करते हैं वैसा इससे पहले के किसी भी प्रधानमंत्री ने नहीं किया'.

उधर, असहिष्णुता के खिलाफ उठी आवाज के विरोध में बेंगलुरु में भी मार्च निकाला गया. एक्टर अविनाश, इतिहासकार डॉ. चिदानंद मूर्ति और लेखक डॉ. शतवधानि गणेश ने भी मार्च में हिस्सा लिया. उन्होंने फ्रीडम पार्क से राजभवन तक मार्च निकाला.

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