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6 November 2015

पहली ट्रांसजेंडर सब इंस्पेक्टर बनी पृथिका

पहली ट्रांसजेंडर सब-इंस्पेक्टर

चेन्नई: मद्रास हाईकोर्ट ने 25 वर्षीय ट्रांसजेंडर के पृथिका यशिनी को सब-इंस्पेक्टर पोस्ट के लिए योग्य उम्मीदवार घोषित किया. जिससे तमिलनाडु सरकार द्वारा उसकी नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है. पृथिका यशिनी का जन्म और पालन पोषण प्रदीप कुमार के तौर पर हुआ. प्रदीप को अपने शरीर में होने वाले बदलावों के बारे में स्कूली दिनों में ही पता चल गया था. मेडिकली यह कन्फर्म होने के बाद कि वह ट्रांसजेंडर है, प्रदीप ने अपना घर छोड़ दिया था. कम्प्यूटर एप्लिकेशन में ग्रैजुएशन करने के बाद उनकी सेक्स चेंज सर्जरी हुई और वे प्रदीप कुमार से पृथिका बन गईं. पृथिका चेन्नई की रहने वाली है. वे जल्द ही देश की पहली ट्रांसजेंडर पुलिस सब-इंस्पेक्टर बनने जा रही है.

मद्रास हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और जस्टिस पुष्पा सत्यानारायण की पीठ ने भर्ती बोर्ड को यह निर्देश दिया है कि वह नियमों में बदलाव करे, ताकि राज्य पुलिस बल में ट्रांसजेंडरों की भर्ती की जा सके. कोर्ट ने कहा उनको उम्मीद है कि अन्य ट्रांसजेंडरों के लिए एक मिसाल पेश करते हुए याचिकाकर्ता पूरे लगन के साथ अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करेगी.

पुलिस भर्ती बोर्ड के पास न तो तीसरे लिंग के लिए कोई कैटेगरी थी, और न ही ट्रांसजेंडरों को लिखित परीक्षा, शारीरिक परीक्षा और साक्षात्कार में किसी तरह का कोई आरक्षण या छूट दी जाती है. इसलिए उसका आवेदन पहले खारिज कर दिया गया था. पृथिका ने फिर भी हार नहीं मानी उसने कोर्ट में कई पिटीशन दाखिल कीं, जिनकी बदौलत परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए रखी गई 28.5 अंकों की सीमा को उसके मामले में घटाकर 25 कर दिया गया. उसने सभी शारीरिक परीक्षाएं भी पास कर लीं, बस, 100 मीटर की तेज़ दौड़ में वह 1.1 सेकंड से पिछड़ गई थी, लेकिन वह स्वीकार कर लिया गया.

तमिलनाडु सरकार ने ट्रांसजेंडरों के लिए कॉलेजों के दरवाज़े भी खोल दिए हैं. लेकिन ट्रांसजेंडरों के लिए सरकारी नौकरियों के अवसर अब तक दूर ही रहे हैं. मदुरै में जिला पुलिस ने दिहाड़ी आधार पर होमगार्ड में ट्रांसजेंडरों की भर्तियां की हैं.

कोर्ट ने एप्लिकेशन में थर्ड जेंडर की कैटेगरी शामिल करने को भी कहा. शुरुआत में उनकी एप्लिकेशन इसलिए रिजेक्ट हो गई, क्योंकि उनका नाम ऑरिजिनल सर्टिफिकेट्स से मेल नहीं खाता था. भर्ती के फॉर्म में थर्ड जेंडर की कैटेगिरी नहीं थी. ट्रांसजेंडर्स के लिए कोटा, कन्सेशनल कट ऑफ, फिजिकल एग्जाम या इंटरव्यू की व्यवस्था भी नहीं थी.

तमिलनाडु यूनीफॉर्म्ड सर्विसेज रिक्रूटमेंट बोर्ड(टीएनयूएसआरबी) ने 8 फरवरी को सब इंस्पेक्टर के 1087 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरु की. चयन के तीन चरण थे, लिखित परीक्षा, शारीरिक परीक्षा और इंटरव्यू. इसके लिए 1 लाख 85 हजार उम्मीदवारों ने आवदेन किया, जिसमें पृथिका भी शामिल थीं. लेकिन टीएनयूएसआरबी ने उनके आवदेन को स्वीकार नहीं किया क्योंकि वह आवेदन में दिए गए स्त्री या पुरूष श्रेणी में नहीं थीं.

पृथिका का ख्वाब एक आईपीएस ऑफिसर बनने का है कहा, 'मैं काफी उत्साहित हूं. पूरे ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए यह एक नई शुरुआत है'.

पृथिका के वकील भवानी ने कहा, 'यह आदेश कई ट्रांसजेंडरों के लिए नए अवसरों के रास्ते खोल देगा'.

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