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18 November 2015

वीएचपी नेता अशोक सिंघल अंतिम संस्कार

वीएचपी सिंघल अंतिम संस्कार

नई दिल्ली: भाजपा और विश्व हिंदू परिषद(विहिप) के कई नेताओं की मौजूदगी में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बुधवार को निगमबोध घाट पर विहिप नेता अशोक सिंघल का अंतिम संस्कार किया गया. सिंघल के भतीजे सलिल ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी. अशोक सिंघल विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक और अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष थे. उनका निधन गुड़गांव के मेदांता मेडिसिटी अस्पताल में हुआ. उन्हें पिछले गुरुवार को तबीयत बिगड़ने के बाद दोबारा गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अशोक सिंघल को सांस संबंधी परेशानी थी. 89 वर्षीय सिंघल का हृदय गति रुकने और सेप्टीसीमिया के कारण मंगलवार दोपहर 2.24 पर निधन हो गया. राइट लोअर लोब निमोनिया से पीड़ित होने के बाद सिंघल को उपचार के लिए अस्पताल की सघन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था. उन्हें 14 नवंबर की शाम से वेंटिलेटर पर रखा गया था. 20 अक्टूबर को इलाहाबाद में तबियत खराब होने के बाद मेदांता सिटी लाया गया था.

सिंघल के निधन से पूरे विश्व हिंदू परिषद में शोक का माहौल है. उनसे मिलने के लिए बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता अस्पताल पहुंचे. सिंघल को देखने के लिए नेताओं का तांता लगा रहा. इसी के चलते अस्पताल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. सिंघल का जन्म दो अक्टूबर 1926 को आगरा में हुआ था.

नब्बे के दशक में राम जन्मभूमि आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई थी. राम जन्मभूमि आंदोलन में विश्व हिंदू परिषद के सबसे आगे रहने की वजह से सिंघल देशभर में सुर्खियों में आ गए. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. वे आजीवन अविवाहित और आरएसएस प्रचारक रहे. दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस तक कारसेवक अभियान चलाने में आक्रामक शैली अपनायी थी. सिंघल दशकों से हिंदुत्व विचारधारा के मुखर प्रतिनिधि थे और अयोध्या में राममंदिर बनाए जाने के पक्षधर थे. कट्टर हिंदू नेता होने के अलावा अशोक सिंघल हिंदुस्तानी संगीत के प्रशिक्षित गायक भी थे. उन्होंने पंडित ओंकार नाथ ठाकुर से संगीत की शि‍क्षा ली थी.

वर्ष 1950 में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के 'इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी' से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी. वह वर्ष 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गये थे लेकिन स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह पूर्णकालिक प्रचारक बने. 1947 में देश के बंटवारे के बाद वे पूरी तरह संघ में आ गए. 1948 में संघ पर बैन लगा तो उन्हें भी जेल में डाल दिया गया. जेल से छूटने के बाद उन्होंने बीई किया. 1975 से 1977 तक देश में आपातकाल और संघ पर बैन रहा. फिर वे प्रांत प्रचारक बने. वर्ष 1980 में उन्हें विहिप में जिम्मेदारी देते हुए इसका संयुक्त महासचिव बनाया गया. वर्ष 1984 में वह इसके महासचिव बने और बाद में इसके कार्यकारी अध्यक्ष का पद सौंपा गया. इस पद पर वह दिसंबर 2011 तक रहे.

वीएचपी नेता सिंघल के निधन पर पीएम मोदी ने खेद जताया ट्वीट किया, 'अशोक सिंघलजी का निधन गहरी निजी क्षति है. वह अपने आप में एक संस्था थे जिन्होंने आजीवन देश की सेवा की'.

विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया ने सिंघल के निधन पर कहा कि हिंदू समुदाय का मुखर नेता हमने खो दिया है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे. साथ ही उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनवाने की उनकी इच्छा जरूर पूरी की जाएगी.

अंतिम संस्कार में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, रविशंकर प्रसाद, जेपी नड्डा और हर्षवर्धन मौजूद थे. इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री उमा भारती, अनंत कुमार, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, गुजरात के राज्यपाल ओपी कोहली और बिहार भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी भी मौजूद थे. इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुुमित्रा महाजन और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, राधा मोहन सिंह, उमा भारती, मनोहर पर्रीकर और स्मृति ईरानी सहित कई अन्य नेताओं ने झंडेवालान स्थित संघ कार्यालय में सिंघल को श्रद्धांजलि दी. मोदी ने सिंघल के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया. और शोक संदेश लिखा.

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