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1 October 2015

देशव्यापी ट्रक ट्रांसपोर्ट हड़ताल शुरू

देशव्यापी ट्रक ट्रांसपोर्ट हड़ताल

भोपाल: टोल प्लाजा खत्म करने सहित अन्य मांगों को लेकर ट्रक ऑपरेटर्स की गुरुवार से देशव्यापी हड़ताल शुरू हुई. ट्रकों के पहिये थमे रहे, जिससे आवश्यक वस्तुओं तक की आपूर्ति प्रभावित हुई. यह हडताल केंद्र सरकार के नए सड़क सुरक्षा कानून के खिलाफ हुई है. ट्रांसपोर्टरों के शीर्ष संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट(एआइएमटीसी) ने आज कहा कि वह अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आज से देशव्यापी हडताल शुरू कर रहे हैं. जबकि सरकार ने उनसे अपना कदम वापस लेने की अपील की है. गौरतलब है कि बुधवार को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ हुई वार्ता विफल होने के बाद ट्रक ऑपरेटरों ने यह निर्णय लिया है.

ट्रक परिचालको ने मौजूदा टोल सिस्टम को ख़त्म करने और टैक्स के एकमुश्त भुगतान, ट्रांसपोर्टरों से सड़क निर्माण के लिए रोड टैक्स, नेशनल परमिट, प्रवेश शुल्क, डीजल-पेट्रोल पर 6 रुपए प्रति लीटर टैक्स के बाद टोल टैक्स की वसूली की जाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल की है. ट्रक ऑपरेटर चाहते है टोल प्लाजा को खत्म कर ऐसा सिस्टम बनाए जाए, जिससे वे सारे टैक्स ऑनलाइन देकर अपना कारोबार कर सकें. लाइफ टाइम टैक्स जमा करने जैसा भी कोई प्रावधान लाया जाना चाहिए. ट्रांसपोर्टर संघ देशभर के 373 टोल प्लाजा हटाने की मांग कर रहा है.

मध्य प्रदेश में हड़ताल का व्यापक असर नजर आया. ट्रकों की हड़ताल में बस ऑपरेटर भी शामिल हो गए हैं. राज्य में कई स्थानों पर बसों के चालक और परिचालक के हड़ताल पर चले जाने से आम आदमी की मुसीबत बढ़ गई है. राजधानी भोपाल में सिटी बसों पर भी हड़ताल का असर देखने को मिला. बस संचालन बंद होने से यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा. बसों के चालक और परिचालक नए कानून को लेकर एक दिवसीय हड़ताल पर हैं, जिसका आम जनजीवन पर असर पड़ा है. ट्रक एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष परमवीर सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर टोल प्लाजा को खत्म किए जाने, सड़क परिवहन एवं सुरक्षा कानून 2015 में किए गए प्रावधानों के विरोध में ट्रक ऑपरेटर्स ने देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल बुलाई है. राज्य में 40 हजार से ज्यादा ट्रक हैं.

राजधानी भोपाल, इंदौर, उज्जैन सहित राज्य के अधिकांश स्थानों पर निजी बसों के चालक व परिचालकों की हड़ताल से बसों के पहिये भी थमे हुए हैं, जिसके कारण बस स्टैंडों पर यात्रियों की भीड़ है और वे अपने गंतव्य स्थान तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.

इस हड़ताल से हर रोज ट्रक ट्रांसपोर्टरों को 1500 करोड़ रुपये और सरकार को 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.

आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने कहा है कि अनिवार्य सेवाओं को इस हडताल से अलग रखा जाएगा. वहीं ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने इस हड़ताल से खुद को अलग रखने की घोषणा की है.

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एआईएमटीसी के प्रतिनिधि मंडल के साथ बैठक में उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए दिसंबर तक देश भर में इलेक्ट्रॉनिक टोल सिस्टम का वादा किया है, लेकिन टोल सिस्टम को पूरी तरह ख़त्म करने की संभावना ख़ारिज कर दी. नितिन गडकरी ने दिसंबर तक सभी 325 टोल प्लाजा पर इलेक्ट्रॉनिक टोल सिस्टम का आश्वासन दिया है.

एआईएमटीसी के अध्यक्ष भीम वाधवा ने वित्त मंत्री अरूण जेटली के साथ बैठक के बाद कहा, 'हम हड़ताल पर जा रहे हैं. राजमार्ग मंत्री ने जिस इलैक्ट्रोनिक टोल प्रणाली की पेशकश की है वह समाधान नहीं है क्योंकि सरकार की ई-टोलिंग परियोजना एक विफल अवधारणा है. यहां तक कि प्रायोगिक परियोजना ही विफल रही'. उन्होंने कहा, 'आईसीआईसीआई बैंक व एक्सिस बैंक जैसे सहयोगी बैंकों ने ही परियोजना से दूरी बना ली है'.

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