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5 October 2015

शशांक फिर बने बीसीसीआई अध्यक्ष

शशांक बीसीसीआई अध्यक्ष

मुंबई: बीसीसीआई में नए युग की शुरुआत हुई. वकील से प्रशासक बने शशांक मनोहर को भारतीय क्रिकेट बोर्ड का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया. एन श्रीनिवासन का इस धनाढ्य खेल संस्था पर दबदबा समाप्त हुआ. मनोहर ने बोर्ड की विशेष आम बैठक में पदभार संभाला. बैठक आधे घंटे से भी कम समय तक चली. वह शनिवार को नामांकन जमा करने की समय सीमा खत्म होने के बाद चुनाव में शामिल एकमात्र उम्मीदवार थे. नागपुर के वकील शशांक दूसरी बार बीसीसीआई प्रेसिडेंट बने. मनोहर का कार्यकाल 2017 में खत्म होगा. शशांक ने बीसीसीआई के 36वें अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला.

जगमोहन डालमिया के निधन के बाद चुनाव करवाने जरूरी हो गए थे. डालमिया ने इस साल मार्च में हुए चुनावों में ही अध्यक्ष पद संभाला था. शशांक ने जगमोहन डालमिया की जगह ली जिनका पिछले महीने निधन हो गया था. इस बार अध्यक्ष पद के लिए प्रस्ताव रखने की बारी पूर्वी क्षेत्र की थी और उसकी सभी छह इकाईयों ने सर्वसम्मति से मनोहर की उम्मीद्वारी का समर्थन किया.

दिलचस्प बात यह रही कि मनोहर के नाम का प्रस्ताव डालमिया के पुत्र अभिषेक ने रखा जो एसजीएम में अपने पारिवारिक क्लब राष्ट्रीय क्रिकेट क्लब(एनसीसी) का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. इसके अलावा मनोहर के नाम का प्रस्ताव बंगाल से सौरव गांगुली, त्रिपुरा से सौरव दासगुप्ता, असम से गौतम राय, ओडिशा से आशीर्वाद बेहड़ा और झारखंड से संजय सिंह ने रखा था. पूर्व क्षेत्र के एक प्रतिनिधि ने कहा, 'पूर्व क्षेत्र की सभी छह इकाइयों ने अलग अलग मनोहर के नाम का प्रस्ताव रखा, जो दर्शाता है कि उनकी उम्मीदवारी का पूरी तरह से समर्थन कर रहे हैं'. शशांक मनोहर के लिए बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर और पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष शरद पवार ने पहल की, जिससे श्रीनिवासन गुट को बैकफुट पर जाना पड़ा. जिससे बोर्ड की राजनीति में श्रीनिवासन की पकड़ भी कमजोर पड़ गई और उनके खेमे की हार हुई. श्रीनिवासन ने इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया.

मनोहर दूसरी बार बीसीसीआई के अध्यक्ष बने हैं. मनोहर इससे पहले 2008-2009 और 2010-2011 के बीच तीन साल बीसीसीआई अध्यक्ष रह चुके हैं. उनकी छवि भारतीय क्रिकेट में मिस्टर क्लीन की है. वह साल 1996 में विदर्भ क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बने और पहली बार क्रिकेट प्रशासनिक अधिकारी के रूप में उभरकर सामने आए.

वह पेशे से वकील हैं, बहुत कम बात करते हैं, लेकिन जो बात करते हैं उस पर अटल रहते हैं. वह अपने साथ कभी मोबाइल फ़ोन नहीं रखते. मीडिया से बहुत कम बात करते हैं. साल 2007 तक उनके पास पासपोर्ट भी नहीं था. मनोहर सख्त मिजाज और सिद्वांतवादी व्यक्ति के रूप में पहचाने जाते हैं.

बीसीसीआई के नए बॉस शशांक मनोहर ने कहा है कि क्रिकेट में वो सबसे पहले करप्शन को दूर करेंगे, 'बीसीसीआई सभी उपायों को दो महीने की अवधि में लागू करेगी. बीसीसीआई अपने आप में एक बड़ा ब्रांड है, लेकिन प्रशंसकों के समर्थन के बिना यह इतना बड़ा ब्रांड नहीं बन पाता. हमारे दिवंगत अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने के लिए जो अच्छे काम किए थे, मैं उन्हें जारी रखना चाहूंगा'. शशांक के अध्यक्ष बनने के बाद भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने कहा, 'ये उनकी दूसरी पारी है. मुझे पूरा विश्वास है कि इस बार भी वो अच्छा काम करेंगे'. पूर्व बोर्ड सचिव निरंजन शाह का कहना था कि उनकी साफ सुथरी छवि का बोर्ड को फायदा मिलेगा.

श्रीनिवासन को आईपीएल 2013 के सट्टेबाजी विवाद के कारण उच्चतम न्यायालय ने उन्हें बीसीसीआई चुनाव से दूर रहने के लिये कहा था. इस सट्टेबाजी विवाद में उनके दामाद और आईपीएल टीम चेन्नई सुपरकिंग्स के पूर्व प्रिंसिपल गुरूनाथ मयप्पन को दोषी पाया गया था. आईसीसी के मौजूदा चेयरमैन श्रीनिवासन को आईपीएल भ्रष्टाचार मामले में शामिल पाए जाने के बाद जबरन इस पद से हटना पड़ा था और यही कारण है कि दिवंगत डालमिया के बाद बीसीसीआई की कुर्सी हासिल करने की पुरजोर कोशिश के बावजूद उन्हें इस रेस से हटना पड़ा.

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