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17 March 2017

कोलकाता जज के खिलाफ जमानती वार्रेंट जारी

कोलकाता जज के खिलाफ वार्रेंट

कोलकाता: सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस कर्णन के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया. साथ में उन्हें 10 हजार का पर्सनल बॉन्ड भी भरने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने 10 मार्च को जस्टिस कर्णन के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है. 31 मार्च को जस्टिस कर्णन को सुप्रीम कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए हैं. जस्टिस अवमानना के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद न तो पेश हुए थे और न ही कोई जवाब दिया था. उसके बाद उनके खिलाफ जमानत वारंट जारी हुए. जस्टिस कर्णन को कोई भी न्यायिक या प्रशासनिक काम करने पर रोक लगा दी थी.

पश्चिम बंगाल पुलिस चीफ-आयुक्‍त तकरीबन 100 पुलिसकर्मियों के साथ अवमानना मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश सीएस कर्णन को जमानती वारंट देने उनके निवास पहुंचे. जस्टिस कर्णन ने वारंट लेने से इंकार किया और इस घटनाक्रम के बीच जस्टिस कर्णन ने मुख्य न्यायाधीश(सीजेआई) सहित सुप्रीम कोर्ट के 6 वरिष्ठ जजों को एक आदेश जारी कर 14 करोड़ का मुआवजा चुकाने का भा निर्देश दिया. जस्टिस कर्णन ने मुआवजा चुकाने के लिए 7 दिनों की समय सीमा तय की है.

कर्णन ने अपने आदेश में कहा कि इन 7 जजों ने मुझे मेरा न्यायिक और प्रशासिक काम नहीं करने दिया. इनके कारण 8 फरवरी से लेकर अब तक मैं अपनी न्यायिक जिम्मेदारियां पूरी नहीं कर पाया हूं. इसीलिए मैं इन सातों जजों को निर्देश देता हूं कि वे मुझे 14 करोड़ का मुआवजा दें. उन्होंने मेरे दिमाग और मेरे सामान्य जीवन को बाधित किया है और साथ ही कानूनी जानकारी के अभाव में इन जजों ने सार्वजनिक तौर पर लोगों के सामने मेरा अपमान भी किया है.

सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संविधान पीठ कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस कर्णन पर अदालत की अवमानना मामले की सुनवाई कर रही है. न्यायपालिका के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब हाई कोर्ट के सिटिंग जज को सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों की बेंच ने अवमानना नोटिस जारी किया गया. इन सात जजों की पीठ में सीजेआई खेहर के अलावा जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष, जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल हैं. जस्टिस कर्णन ने यह भी कहा कि मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर के रिटायरमेंट के बाद होनी चाहिए. अगर बहुत जल्दी हो तो मामले को संसद रेफर किया जाना चाहिए.

गौरतलब है की 23 जनवरी को जस्टिस कर्णन ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के वर्तमान 20 जजों की लिस्ट भेजी थी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उन्होंने सीबीआई से जांच कराने की शिकायत की थी. कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए जस्टिस कर्णन को अवमानना नोटिस जारी किया था.

जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट पर आरोप लगाए हैं कहा है कि दलित होने की वजह से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट को कार्रवाई करनी चाहिए ताकि आम लोगों में न्यायपालिका पर भरोसा बना रहे.

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