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6 March 2017

नौसेना ने युद्धपोत विराट को सेवामुक्त कर दी विदाई

नौसेना ने विराट को दी विदाई

मुंबई: विमानवाहक पोत आईएनएस विराट को 30 साल की सेवा के बाद सोमवार को भारतीय नौसेना से विदाई दी गयी. भारतीय नौसेना की पहचान ओल्ड लेडी के नाम से मशहूर युद्धपोत आईएनएस विराट का नाम गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में भी शामिल है. ये दुनिया का एकलौता ऐसा जहाज है जो इतने लंबे समय तक सीमा की सुरक्षा में डंटा रहा. इस जंगी जहाज को नौसेना प्रमुख सुनील लांबा और सशस्त्र बलों के शीर्ष अधिकारियों की उपस्थिति में एक भव्य कार्यक्रम में विदाई दी गयी. आईएनएस विराट 30 सालों तक भारतीय नौसेना की सेवा में कार्यरत रहा. युद्धपोत आईएनएस विराट से कमीशन पेन्डेन्ट को उतार कर उसे अंतिम विदाई दी गई. आईएनएस विराट को सेवा से हटाए जाने के बाद भारत के पास अब केवल एक पोत बचा है.

नौसेना ने 30 वर्ष बाद युद्धपोत विराट को दी विदाई

जहाज के डेक से सी हैरियर, व्हाइट टाइगर्स, सीकिंग 42बी, सीकिंग 42सी तथा चेतक जैसे विमान उड़ान भर चुके हैं. विराट के डेक से लड़ाकू विमानों ने 22,000 बार से ज्यादा उड़ान भरी है. विराट ने समुद्र में 2,252 दिन और 10,94,215 किलोमीटर का सफर तय किया है. 24 हजार टन वजनी विराट 743 फुट लंबा और 160 फुट चौड़ा है. इसमें 76000 शॉफ्ट हॉर्सपावर के स्टीम इंजन लगे हुए थे. इस जहाज पर 10-12 फाइटर प्लेन और 7-8 हेलीकॉप्टर रहते हैं. यह समुद्र की लहरों को 52 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चीरता है. इस पोत में करीब 1500 नौसैनिक रहते थे और एक बार जब यह समंदर में निकलता था तो अपने साथ तीन महीने का राशन साथ लेकर निकलता था.

भारतीय नौसेना में शामिल होने से पूर्व इस विमानवाहक पोत ने रॉयल ब्रिटिश आर्मी के लिए अर्जेंटीना के विरुद्ध फाकलैंड की लडाई जीती थी. इस पोत ने करीब 27 साल ब्रिटेन के रॉयल नेवी में एचएमएस हर्म्स के तौर पर अपनी सेवा दी है.

रॉयल ब्रिटिश आर्मी द्वारा नवीनीकरण के बाद इसे भारतीय नौसेना ने 6.5 करोड़ डालर में खरीदा था. इस पोत को 12 मई, 1987 में भारतीय नौसेना के बेडे में शामिल किया गया था. इसे खरीदते वक्त सिर्फ 5 साल तक इसे इस्तेमाल करने की योजना थी लेकिन 30 साल तक इसने वतन को सेवा दी.

आईएनएस विराट का ध्येय वाक्य 'जलमेव यस्य, बलमेव तस्य' है. अर्थात जिसका समंदर पर कब्जा है, वही सबसे बलवान है.

कार्यक्रम की विदाई के बाद नौसेना प्रमुख ने इस कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से कहा, हम चाहेंगे कि विराट को मुम्बई में संग्रहालय बनाया जाए या फिर इसे गोताखोरी स्थल. आईएनएस विराट की विदाई के इस भावुक मौके पर वे सभी लोग मौजूद थे, जिन्होंने इस पर सेवाएं दी हैं. इस समारोह में इंग्लैंड के लोगों ने भी हिस्सा लिया.

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