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30 April 2022

रेस्तरा ढहाने को लेकर कोर्ट ने राज्य सरकार से जबाब माँगा

कोर्ट ने जबाब माँगा

भोपाल: खरगोन दंगे के बाद रेस्तरां और बेकरी पर बुलडोजर चलाने को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट सख्त हुआ. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब माँगा. एक कैफे और एक रेस्तरां के कथित अवैध निर्माण ढहाए जाने पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. वही प्रदेश में अब सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की खैर नहीं कानून लागू हुआ. कानून के तहत ट्रिब्यूनल के किसी भी आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जा सकेगी लेकिन यह अपील 90 दिनों के अंदर करना अनिवार्य होगा.

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने खरगोन में 10 अप्रैल को रामनवमी की शोभायात्रा निकलने के बाद हुए दंगों के बाद इस कस्बे में एक कैफे और एक रेस्तरां के कथित अवैध निर्माण ढहाए जाने पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का वसूली एक्ट राजपत्र में प्रकाशित हो गया है. राजपत्र में प्रकाशन के साथ ही पूरे प्रदेश में यह कानून प्रभावी हो गया है. इस कानून के तहत यदि कोई व्यक्ति विरोध प्रदर्शन या किसी अन्य कारण से सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो सरकार आरोपी से ही उसकी वसूली करेगी. वसूली करने में जिला कलेक्टर भी ट्रिब्यूनल की मदद करेंगे.

खरगोन के रेस्तरां और बेकरी के मालिकों की दायर अलग-अलग रिट याचिकाओं पर क्रमशः 22 अप्रैल और 28 अप्रैल को सुनवाई करते हुए अलग-अलग न्यायाधीशों ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किए हैं. रेस्तरां के मालिक अतीक अली और बेकरी के मालिक अमजद रशीद ने अपनी याचिकाओं में आरोप लगाया है कि खरगोन के प्रशासन ने उनकी संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने की 'मनमानी' और 'गैरकानूनी' कार्रवाई से पहले उन्हें सुनवाई का कोई अवसर नहीं दिया. मुआवजे या फिर से बनवाने की मांग की. मालिक की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता ने दलील दी कि इस मामले में राज्य सरकार की ओर से उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया है और रेस्तरां के केवल उस हिस्से को ढहाया गया है जिसे इस संपत्ति से कानूनी प्रावधानों के मुताबिक नहीं जोड़ा गया था.

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